रायपुर : CG Politics : छत्तीसगढ़ में राजीव मितान क्लब को लेकर कांग्रेस काल में खूब राजनीति होती रही। अब पूर्व सीएम बघेल ने इसी राजनीति को फिर हवा देने की कोशिश की है। उन्होंने राजीव मितान के युवाओं के साथ सीधा संवाद किया। खास बात ये कि यह संवाद उन्होंने कांग्रेस के दूसरे पदाधिकारी की गैरमौजूदगी में किया। दिलचस्प बात ये कि ये क्लब कांग्रेस राज में सरकारी अनुदान प्राप्त थे। नई सरकार ने उसे भंग कर दिया, पर सियासी तौर पर इसका अस्तित्व बना हुआ है, जिसके मायने है क्या ये क्लब कांग्रेस के सियासी कार्यक्रम के तहत संचालित थे। इससे जुड़ी बातें तमाम हैं पर अभी सवाल ये कि पूर्व सीएम का राजीव मितान के जरिए कहां निशाना साध रहे हैं?
CG Politics : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार रहते राजीव युवा मितान क्लबों का गठन किया गया। राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर इसे आवश्यक धनराशि भी उपलब्ध कराई गई। यही वजह है भाजपा ने इसका विरोध भी किया और सरकार बनते ही इसे भंग कर जांच की घोषणा भी कर डाली। अब राजीव मितान क्लब एक बार फिर चर्चा में है। चर्चा की वजह बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का इस संगठन के युवाओं की बैठक लेना है। भूपेश बघेल ने राजीव मितान क्लब को फिर एक्टिव करने और चार साल संघर्ष करने की युवाओं को नसीहत दी। यूं तो यह पूरी गैर राजनीतिक संगठन है, लेकिन जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कार्यक्रम में थे। तो राजनीति भी होनी ही थी। भाजपा ने दो टूक लहजे में कहा भूपेश बघेल नया राजनीतिक दल बनाने की ओर अग्रसर हैं। वहीं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मीडिया सलाहकार पंकज झा ने X पोस्ट कर राजीव मितान क्लब को भूपेश बघेल की निजी सेना बताया।
CG Politics : राजीव मितान क्लब की बैठक लेने और बीजेपी नेताओं के आरोपों पर CM भूपेश बघेल ने पलटवार करते हुए कहा कि मितान क्लब समाज सुधार की दिशा में काम करते थे। वही बीजेपी के आरोपों पर PCC चीफ दीपक बैज ने भी पलटवार किया।
छत्तीसगढ़ की सियासत में भूपेश बघेल की पहचान जुझारू और संघर्षशील नेता की रही है। भूपेश बघेल पहले भी चार साल संघर्ष की बात कहते रहे हैं। लेकिन राजीव मितान क्लब के बैनर तले संघर्ष के संदेश ने प्रदेश की सियासत गर्म कर दी है। ऐसे में भले बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो, पर भूपेश बघेल का आने वाला कदम क्या होगा, यह देखना भी बेहद दिलचस्प होगा।