रायपुर: Rajiv Lochan Maharaj Statement मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय राजधानी रायपुर के महादेव घाट पर आयोजित छठ महापर्व कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सभी को छठ पर्व की शुभकामनाएं दी और कहा कि सूर्य आराधना छठ पूजन मानव को प्रकृति से जोड़ने का पर्व है। मुख्यमंत्री साय खारुन नदी तट पर छठी मैया की मंगल आरती में भी शामिल हुए। कार्यक्रम का आयोजन छठ पर्व आयोजन समिति महादेव घाट द्वारा किया गया।
Rajiv Lochan Maharaj Statement मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छठ महापर्व के इस कार्यक्रम में आकर मैं स्वयं को बहुत सौभाग्यशाली अनुभव कर रहा हूँ। इस भव्य आयोजन के लिए मैं आयोजन समिति को बहुत बहुत बधाई देता हूँ। छठ महापर्व की प्रतीक्षा उपासक वर्ष भर करते हैं। इस महापर्व पर दूर-दूर से लोग चाहे कहीं भी रह कर काम कर रहे हों, वे छठ पूजा में शामिल होने पहुंचते हैं। सरकार के द्वारा भी छठ पर विशेष रेल आदि परिवहन की व्यवस्था की जाती है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सूर्य भगवान की उपासना के इस पर्व में कठिन व्रत रखा जाता है। हमारी माताएं-बहनें निर्जला उपवास रखती हैं। छठ महापर्व हमें प्रकृति से भी जोड़ता है। नदी, तालाब आदि जल-स्त्रोत के करीब घाटों पर छठ की पूजा होती है, इस तरह इस पर्व में हम प्रकृति के समीप पहुंचते हैं। छठ पर्व पर हमें नदी और तालाब जैसे हमारे जल-स्त्रोतों के भी संरक्षण और संवर्धन का संकल्प लेना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आज दिवंगत गायिका शारदा सिन्हा को भी श्रद्धांजलि देना चाहूंगा। उनके छठ गीतों को हमारी पूरी पीढ़ी ने सुना है। मैं छठी मैया और सूर्य भगवान से सभी छत्तीसगढ़ वासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना करता हूँ।
छठ पर्व के कार्यक्रम में शामिल हुए संत राजीव लोचन महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि महादेव की पुत्रवधू का नाम छठी माई है। उन्होंने कहा कि छठी माई कहती हैं, “हम दो हमारे दो के चक्कर में मत चलो। तुम्हारे दुश्मन ‘हम दो हमारे 45’ उनके हाथ में एके-47 लेकर खड़े हैं, ‘हम 5 हमारे 75’ हाथ में पत्थर लिए खड़े हैं। तुम समय रहते शास्त्र और संतों की वाणी को गुरु मंत्र के रूप में स्वीकार करो। दो नहीं, चार बच्चे पैदा करो। जन्म देना तुम्हारा काम है और छह दिन तक रक्षा करना मेरा काम है।”
उन्होंने कहा, “छठ तक जो भी सनातन धर्म में पैदा होता है, उसकी रक्षा छठी माई करती हैं। इसलिए सुहागिन माताएं छठी माता को प्रणाम करती है कोख को सुरक्षित रखना। जन्म लिए को सुरक्षित रखना उनका कम है जो जन्म ही न ले उसकी कैसी सुरक्षा होगी। इसलिए सारे हिंदू संकल्प लो कोई भी गर्भ में बच्चे की हत्या नहीं करेगा। फिर भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा, विश्व गुरु बनेगा और सनातन धर्मियों का कोई बाल भी बका नहीं कर पाएगा। यही संदेश छठी माई के दिन आपको दिया जाता है।