रायपुर: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बीच अब मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। नई कैबिनेट में दो विधायकों को शामिल करने की संभावनाओं ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है।सूत्रों के अनुसार, नए साल से पहले ही दो विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है।
मंत्रीमंडल में जिन दो विधायकों के नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं, उनमें रायपुर उत्तर से पहली बार विधायक बने पुरंदर मिश्रा और दुर्ग शहर के विधायक गजेंद्र यादव का नाम प्रमुख है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। सम्भावना जताई जा रही है कि, दोनों मंत्रियों को शुक्रवार को राजभवन में मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। वहीं इन दो के अलावा मंत्रिमंडल के अन्य संभावित नामों की बात करें तो ये माना जा रहा है कि भाजपा ने इस बार कम से कम एक सीनियर नेताओं को कैबिनेट में शामिल करने का फैसला लिया है। ऐसे में ये माना जा रहा है कि अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर, राजेश मूणत और प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव में से किसी को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। इस तरह कुल चार से पांच विधायक मंत्री पद के दावेदार के रेस में है।
कैबिनेट विस्तार के बाद, संभावना थी कि 31 दिसंबर तक नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए कार्यक्रम की घोषणा भी कर दी जाये लेकिन फ़िलहाल यह प्रक्रिया टाल दी गई है और अब 7 जनवरी को आरक्षण की पर्ची निकाली जाएगी।
मंत्रीमंडल में नए चेहरों के शामिल होने से न केवल पार्टी के भीतर संतुलन बनाने की कोशिश होगी, बल्कि आगामी चुनावों में इसका सीधा असर पड़ने की उम्मीद है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नए मंत्री किस तरह से अपने क्षेत्रों और विभागों में काम करेंगे।
कैबिनेट विस्तार को इस वजह से भी तय बताया जा रहा कि विभाग की तरफ से स्टेट गैरेज में दोनों ही संभावित मंत्रियों के लिए उनके वाहन तैयार कर लिए गए है। शपथ के तत्काल बाद गाड़ी मंत्री के विभाग को सौंप दी जाएगी।
जानकारी के मुताबिक़ भाजपा के प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन भी कल रायपुर आ रहे हैं। वह संगठन चुनाव के मद्देनजर राजधानी आ रहे है लेकिन कैबिनेट विस्तार को उनके दौरे की असल वजह बताई जा रही है।
प्रदेश के राज्यपाल रामेन डेका का भी शुक्रवार से दो दिवसीय बस्तर संभाग का दौरा प्रस्तावित था लेकिन वह भी स्थगित आकर दिया गया है।
मामला राज्य का हो या केंद्र का, कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या सीमित होती हैं। भारतीय संविधान कहता है कि केंद्रीय कैबिनेट में सदस्यों की संख्या लोकसभा में कुल सदस्यों की संख्या का 15 फीसदी तक हो सकती है। यही नियम राज्यों की विधानसभा में भी लागू होता है। विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या जितनी होगी, उनके 15 फीसदी तक ही मंत्रियों की संख्या हो सकती है। इस लिहाज से छत्तीसगढ़ की 90 सीटों का 15 प्रतिशत 13.5 सीट होता है। तो ऐसे में प्रदेश सरकार तीन नए मंत्रियों को कैबिनेट में जगह दे सकती है।
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— IBC24 News (@IBC24News) December 26, 2024