रायपुर। साय सरकार ने धान खरीदी की नई तारीख का ऐलान कर दिया है। आमतौर पर प्रदेश में 1 नवंबर से धान की खरीदी शुरू हो जाती है। लेकिन, इस साल 14 नवंबर से खरीदी शुरू होगी। मतलब करीब 15 दिन लेट, लेकिन खरीदी की अंतिम तारीख वही रहेगी यानी 31 जनवरी। इस फैसले के पीछे सरकार का अपना तर्क है। लेकिन, किसानों के लिए क्या ये स्वीकार्य स्थिति होगी, ये एक बड़ा सवाल है।
छत्तीसगढ़ में धान हमेशा से एक राजनीतिक मुद्दा रहा है। साल भर इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस समेत कई किसान संगठन आमने-सामने होते रहते हैं। इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ की सरकार ने धान खरीदी के लिए तारीख का ऐलान कर दिया है। 14 नवंबर से 31 जनवरी 2025 तक धान की खरीदी होगी। इस संबंध में डिप्टी सीएम अरुण साव ने बताया कि, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए कृषि विभाग द्वारा एकीकृत किसान पोर्टल के माध्यम से किसान पंजीयन की प्रक्रिया जारी है। जो 31 अक्टूबर 2024 तक जारी रहेगा।
वर्ष 2024-25 में 160 लाख टन धान के खरीदी का लक्ष्य है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए बायोमेट्रिक व्यवस्था पहले की तरह होगी। धान खरीदी के सीमांत एवं लघु कृषकों को अधिकतम दो टोकन तथा दीर्घ कृषकों को अधिकतम तीन टोकन दिए जाने का निर्णय लिया गया। सभी खरीदी केन्द्रों में इलेक्ट्रॉनिक तौल यंत्र के माध्यम से धान खरीदी होगी। धान खरीदी के लिए 4.02 लाख गठान नये जूट बारदाना जूट कमिश्नर के माध्यम से क्रय करने की स्वीकृति दी गई है। धान खरीदी के लिए कुल 8 लाख गठान बारदाने की जरूरत होगी। धान खरीदी की तारीख आते ही कांग्रेस राज्य सरकार पर हमलावर हो गई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा धान खरीदी की तिथि कम करना सरकार की बदनीयती।
राज्य सरकार ने 75 दिन धान खरीदी का लक्ष्य रखा। इसमें 35 दिन छुट्टी है मात्र 40 दिन धान खरीदी होगी। सरकार बढ़े हुए MSP मिलाकर 3217 रुपए में खरीदे। निश्चित रूप से राज्य सरकार द्वारा प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी और धान खरीदी का प्रति क्विंटल दाम 3100 रु प्रति क्विंटल दिए जाने के कारण उत्पादन में काफी बढ़ोतरी होने जा रही है। लेकिन धान खरीदी की तय आखिरी तारीख वही है जो आज से एक दशक पहले तक था। जबकि उस समय उत्पादन काफी काम था। ऐसे में देखना होगा अगर किसानों की धान खरीदी में अगर अव्यवस्था होती है या लक्ष्य के अनुरूप खरीदी नहीं होती है तो क्या राज्य सरकार तारीख बढ़ाई जाएगी ?