CG Ki Baat: रायपुर। 18वीं लोकसभा के लिए हो रहे देश के आम चुनाव में 19 अप्रैल को यानि अब से कुछ ही घंटों बाद पहले चरण की वोटिंग होने वाली है। छत्तीसगढ़ की इकलौती बस्तर सीट पर इसी फेज में मतदान होना है। लेकिन, इसके ठीक पहले गुरुवार को कांग्रेस के दिग्गज आदिवासी नेता और कांकेर के पूर्व विधायक शिशुपाल सोरी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं। बीजेपी मुख्यालय में हुए प्रवेशोत्सव में और भी कई नेता-कार्यकर्ताओं ने पार्टी में प्रवेश किया। सवाल है कांग्रेस में इस वक्त ऐसे हालात क्यों? पार्टी के बब्बर शेर रूपी कार्यकर्ता यूं क्यों साथ छोड़ रहे हैं?
24 के रण में पहले चरण की वोटिंग से एक दिन पहले तक छत्तीसगढ़ में कांग्रेसी खेमें के कई नेता, जो कांग्रेस की सरकार और पार्टी में अहम पदों पर रहे अब हाथ का साथ छोड़कर बीजेपी में जा चुके हैं। हर दिन ये सिलसिला जारी है। गुरुवार को भी कांकेर से पूर्व कांग्रेसी विधायक शिशुपाल सोरी ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी में प्रवेश का ऐलान कर दिया। रायपुर स्थित बीजेपी मुख्यालय पर प्रदेश नेतृत्व ने उन्हें जोर-शोर से पार्टी में प्रवेश कराया। आते ही नेताओं ने कांग्रेस पर, कांग्रेस की प्रदेश और नेशनल लीडरशिप पर आरोपों के तीखे वार किए।
बीजेपी का दावा है कि 2023 के विधानसभा चुनाव से अब 2024 के लोकसभा चुनाव के बीच अब तक हजारों कांग्रेसी नेताओं-कार्यकर्ताओं ने भाजपा ज्वाइन की है। इनमें पूर्व विधायक शिशुपाल सोरी, पूर्व विधायक चिंतामणि महाराज, पूर्व मेयर वाणी राव, मेयर सफीरा साहू, पूर्व प्रदेश महामंत्री- चंद्रशेखर शुक्ला, पूर्व प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिता रावटे, बिलासपुर से पूर्व कांग्रेस नेता विष्णु यादव इसके अलावा जोगी कांग्रेस से पूर्व विधायक धरमजीत सिंह और प्रमोद शर्मा जैसे दिग्गजों नें बीजेपी में प्रवेश किया है। क्या ये सब बीजेपी की सोची समझी रणनीति है? सवाल पर बीजेपी इसे मोदी के मजबूत इरादों से जुड़ने की होड़ बताते हैं, जबकि कांग्रेस इसे बीजेपी की प्रेशर पॉलिटिक्स और नेताओं की अवसरवादिता करार दे रही है।
CG Ki Baat: वैसे ना तो दलबदल नया है और ना ही पाल बदलने को लेकर गिनाई जा रही वजहें नई हैं। पर, सवाल ये है कि क्या लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के कुछ घंटे पहले कांग्रेस को लग रहे ये झटके, बीजेपी की प्लानिंग का हिस्सा है। कांग्रेस में ऐसी भगदड़ क्यों है? क्या कांग्रेस को वाकई इससे फर्क नहीं पड़ेगा? अपने जिन कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को राहुल गांधी बब्बर शेर बताते हैं वो डटकर मुकाबले के बजाय पार्टी को यूं लगातार क्यों छोड़ रहे हैं ?