Amit Shah Visit CG: रायपुर। 2023 में साय सरकार बनने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दूसरी बार छत्तीसगढ़ दौरे पर आ रहे हैं, जिसके अभी से सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं। विपक्ष ने शाह के दौरे से पहले प्रदेश बीजेपी सरकार को घेरते हुए सीधे शाह को पत्र लिखकर कुछ सवाल के जरिए घेरा तो सत्ता पक्ष ने मीटिंग-मंथन और समीक्षा कर शाह के आगमन की तैयारी पूरी कर ली। वैसे जानकार मानते हैं कि जब-जब शाह यहां आए हैं उनके दौरे में ओपन एजेंडा के साथ-साथ सीक्रेट एजेंडे भी होता है, जिन पर वो समाधान की नीयत से काम का निर्देश देकर जाते हैं। तो इस बार क्या हैं वो लक्ष्यों पर जिनपर होगा फोकस?
देश के गृहमंत्री अमित शाह 23 तारीख को प्रदेश की राजधानी पहुंच रहे हैं, इसको लेकर कल CM हाऊस और PHQ में दो दौर की मीटिंग हुई । CM जिसमे मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के तैयारियों की समीक्षा की। 23 अगस्त रात शाह के पहुंचने से लेकर 25 अगस्त शाम 4 बजे तक उनका पूरा कार्यक्रम तय हो चुका है। इस बार शाह प्रदेश में इंटर स्टेट कोऑर्डिनेशन पर बेस ऑपरेशन पर फोकस करने वाले हैं।
शाह के दौरे में नक्सल मुद्दे पर आगे की प्लानिंग और पिछले दौर की समीक्षा के लिए 24 तारीख को 7 राज्यों के DGP और मुख्य सचिव के साथ होने वाली मीटिंग सबसे प्रमुख है। अगले दिन 25 अगस्त को वो नारकोटिक्स रिव्यू मीटिंग भी लेंगे। इसके अलावा शाह छत्तीसगढ़ में लॉ एंड आर्डर और स्टेट डेवलपमेंट की समीक्षा भी करने वाले हैं। जाहिर है शाह के आगमन के पहले राज्य में सरकार और पुलिस दोनों ने अपने-अपने स्तर पर चुस्त और तेज तैयारी शुरू कर दी है।
बीजेपी के सबसे बड़े सियासी छत्रप जिन्हें सियासी चाणक्य भी कहा जाता है उनके दौरे को लेकर सियासत गर्मानी शुरू हो चुकी है। PCC चीफ दीपक बैज ने शाह के नाम चिट्ठी लिखकर पूछा है कि, कि प्रदेश में फर्जी एनकाउंटर कब बंद होगे ? इसके अलावा बैस ने प्रदेश के लॉ-एंड-आर्डर पर सवाल पूछकर कटाक्ष किया है। विपक्ष के हमले का जवाब दिया कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम ने नेताम ने पलटवार में कहा कि जितना एक्शन पिछले कुछ महीनों में हुआ उतना तो 20 साल में भी नहीं हुआ।
साफ है कि इस बार शाह का दौरा नक्सलवाद, नारकोटिक्स और प्रदेश के लॉ-एंड-ऑर्डर पर केंद्रित दिखता है। वजह भी साफ है प्रदेश में 2024 का चुनाव में बीजेपी ने मोदी की गारंटी के आधार पर चुनाव लड़ा और जीता, जिसमें नक्सलवाद का खात्मा प्रमुख वादा है। स्वयं शाह इस कार्यकाल में नक्सवाद के सफाए का दावा कर चुके हैं, दूसरी तरफ यहां विपक्ष प्रदेश में बार-बार कानून व्यवस्था को फेल बताकर बीजेपी सरकार को घेरता रहा है। सवाल ये कि क्या शाह के इस दौरे में इन दोनों मुद्दों पर कोई बड़ा फैसला कोई बड़ा संदेश छिपा है ?