रायपुर: PM Awas Yojana in Chhattisgarh, छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रधानमंत्री आवास योजना और बस्तर संभाग में पुलों की स्थिति को लेकर विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा। प्रश्नकाल के दौरान पूर्व सीएम भूपेश बघेल और कवासी लखमा ने ये सवाल उठाया। भूपेश बघेल के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री अरुण साव ने बताया कि करीब 20 हजार शहरी आवासहीन लोगों के लिए डीपीआर केंद्र सरकार को भेजा गया है। अभी तक एक की भी स्वीकृति नहीं मिली है। स्वीकृति के लिए उच्च स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
इस पर भूपेश बघेल ने मंत्री को घेरते हुए कहा कि शहरी पीएम आवास योजना उन्हीं को मिलती है, जिनके पास अपनी भूमि हो। पिछली सरकार ने शहरी भूमिहीनों को पट्टा देने की शुरूआत की थी। पट्टा बनकर तैयार है। सरकार इन्हें पट्टा बांटेगी तो ये भूमि स्वामी बनेंगे और फिर इन्हें पीएम आवास योजना का लाभ मिलेगा। इस पर विभागीय मंत्री ने बताया कि पट्टा बांटने को लेकर सरकार विचार करेगी और परीक्षण कर फैसला करेगी।
एक अन्य सवाल में, विधायक कवासी लखमा ने बस्तर संभाग में स्वीकृत पुलों पर मंत्री अरुण साव से जवाब मांगा। चर्चा के दौरान स्वीकृत पुलों के काम निरस्त किए जाने पर आपत्ति की और इसे दोबारा शुरू करने की मांग की। कवासी लखमा ने बताया कि शबरी नदी पर बाबा रास नाला पुल क्षेत्र को कलेक्टर, एसपी ऑफिस, अस्पताल से जोड़ता है। लेकिन उसे निरस्त कर दिया गया। इसे दोबारा स्वीकृत कर पुल शुरू कराया जाए। उसी तरह, डोंड्रा, गादीरास में भी पुल नहीं बना है। जबकि काम पहले से ही स्वीकृत है।
मंत्री अरुण साव ने बताया कि कई टेंडर इसलिए निरस्त करने पड़े क्योंकि ठेकेदार समय पर काम पूरा नहीं कर रहे थे। दोबारा टेंडर कर काम शुरू कराया जाएगा।