CG Ki Baat: रायपुर। कवर्धा का लोहारीडीह गांव जघन्य हत्याकांड के बाद सुर्खियों में है। इस गांव के कई दर्जन लोग अब भी जेल के अंदर हैं। प्रदेश की राजनीति दलों के लिए लोहारीडीह अब भी अखाड़ा बना हुआ है। कांग्रेस ने 21 अक्टूबर को बड़े प्रदर्शन का ऐलान किया है। इसी बीच ग्रामीणों ने प्रशासन को ज्ञापन देकर ये कहा है कि, हम अपने गांव में और गांव में हुई वारदात को लेकर और राजनीति नहीं चाहते। इस ज्ञापन के मायने गहरे हैं और इससे निकलते सवाल बेहद अहम।
कवर्धा के लोहारिडीह गांव में ग्रामीण अब खुलकर कह रहे हैं कि गांव के लोग किसी भी राजनीतिक पार्टी के प्रदर्शन में शामिल नहीं होंगे। दरअसल, लोहारिडीह कांड को लेकर 21 अक्टूबर को कांग्रेस पार्टी प्रदर्शन करने जा रही है और जैसे ही लोहारीडीह में गांव वालों को इसकी जानकारी लगी। उन्होंने प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि, वो गांव में शांति चाहते हैं और उनकी मांग है कि जेल में बंद निर्दोष लोगों को जल्द से जल्द छोड़ा जाए और इस मामले में राजनीतिक न हो।
दरअसल, 15 सितंबर को लोहारीडीह गांव से करीब 10 किलोमीटर दूर, मध्यप्रदेश के जंगल में शिवप्रसाद साहू की हत्या कर उसके शव को पेड़ से लटका दिया गया था। चूंकि रघुनाथ साहू और शिवप्रसाद साहू के बीच कट्टर दुश्मनी थी. शिव साहू की मौत के कुछ दिनों पहले ही सामाजिक बैठक में रघुनाथ साहू ने धमकी दी थी कि वो ज्यादा दिन जिंदा नहीं रह पाएगा, और शिवसाहू की लाश मिलने के बाद नाराज ग्रामीणों ने रघुनाथ साहू को उसी के घर में जिंदा जलाकर उसकी हत्या कर दी। जिसके बाद 160 से ज्यादा लोगों पर FIR दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
इसी मामले में कांग्रेस 21 अक्टूबर को लोहारीडीह में ही प्रदर्शन करेगी। लेकिन, गांव वालों के इनकार करने के बाद कांग्रेस का कहना है कि वो निर्दोष लोगों की लड़ाई लड़ रही है, जबकि बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस प्रदेश की शांति भंग करना चाहती है। कांग्रेस कह रही है कि, भले ही ग्रामीण इस प्रदर्शन में न आएं, लेकिन जिस शिवा साहू की हत्या से इस लोहारीडीह कांड की शुरुआत हुई थी उसके परिवार के लोग कांग्रेस का साथ देने आएंगे। लेकिन, सवाल ये है कि क्या लोहारीडीह गांव को पॉलिटिकल पार्टिज अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं ?