रायपुर: CG Congress Scam विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में मिली हार के बाद बिखरी पार्टी को लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट करने में लगी कांग्रेस पार्टी को एक के बाद एक कई झटके लग रहे हैं। पहले तो पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ, फिर राजनांदगांव की सभा में पार्टी के ही एक कार्यकर्ता ने भूपेश बघेल की भरे मंच पर फजीहत कर दी और अब पार्टी के ही दिग्गज नेता ने कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल की पोल खोलकर रख दी है। मामला सामने आने के बाद कांग्रेस नेताओं के होश उड़ हुए हैं।
CG Congress Scam पूर्व महामंत्री अरुण सिसोदिया ने रामगोपाल अग्रवाल पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने पीसीसी चीफ की अनुमति के बिना ही भूपेश बघेल के रिश्तेदार और सलाहकार विनोद वर्मा के बेटे की कंपनी टेसू मीडिया को करोड़ों रुपए का भुगतान किया है। उन्होंने इस बात की जानकारी देते हुए पीसीसी चीफ दीपक बैज का पत्र लिखा है और रामगोपाल अग्रवाल को पार्टी से निकालने की मांग की है। भले ही कांग्रेस पार्टी इस बात को खारिज कर दे कि टेसू मीडिया को किसी प्रकार का भुगतान किया गया, लेकिन IBC24 के पास कांग्रेस पार्टी और टेसू मीडिया के बीच हुई डील का कॉन्ट्रैक्ट लेटर है। तो चलिए समझते हैं क्या है कॉन्ट्रैक्ट लेटर में?
कॉन्ट्रैक्ट लेटर में क्या लिखा है ये समझें इससे पहले ये बात जान लेते हैं कि अरुण सिसोदिया ने क्या आरोप लगाए हैं। सिसोदिया ने लिखा है कि सरकार आने के बाद भी सगठन को किसी प्रकार आर्थिक सहयोग नहीं दिया जाता था हमारे द्वारा कई बार बैठक में और प्रभारी कुमारी सैलजा से अनुरोध व मांग करने के बावजूद ब्लाक अध्यक्ष व जिला अध्यक्ष को 5-10 हजार मासिक सगठन के कार्य करने नहीं दिया गया पर अपने परिवार के लोगों को एक कमरे में बैटकर कार्यादेश व गवाह निजी लोगों को बनाकर भुगतान कर दिया गया, साथ ही जो रकम 10 लाख 6 लाख व 3 लाख यानि 19 लाख प्रति माह मुगतान किया गया वो वर्तमान में 10 गुना है यानि प्रति माह 20 लोगो की टीम 3 लाख में कार्य कर रही है जैसा की आपको पूर्ण विदित है।
सिसोदिया के आरोपों के आधार पर अगर भूपेश बघेल के पांच साल के कार्यकाल को देखें तो ये बात तो तय है कि सत्ता और संगठन में पूरी तरह भूपेश बघेल और विनोद वर्मा की चलती थी। उनकी अनुमति के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता था। इस बात का आरोप उनकी ही सरकार के कई नेताओं ने भी लगाया था। ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि क्या भूपेश बघेल के इशारों पर ही बिना पीसीसी चीफ की अनुमति के ये भुगतान किया गया है? ये सवाल इसलिए भी उठता है क्योंकि विनोद वर्मा भूपेश बघेल के रिश्तेदार भी बताए जाते हैं। सवाल ये भी है कि क्या पैसे का हेरफेर करने के लिए भूपेश बघेल ने अपने रिश्तेदार को ही ये कॉन्ट्रैक्ट दिलाया? अब ये बात तो निष्पक्ष जांच के बाद ही सामने आएगी, जिसके लिए हमें इंतजार करना होगा।
सर्विस अग्रीमेंट के मुताबिक 29 मई 2020 को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने टेसू मीडिया लैब को कंसल्टेंट के तौर पर नियुक्त किया था। इस अग्रीमेंट के अंतर्गत टेसू मीडिया लैब को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सोशल मीडिया चैनल्स को मैनेज करने का कांट्रैक्ट मिला था जिसके लिए टेसू मीडिया लैब को हर महीने 10 लाख रुपए मिलते थे। इसके साथ ही यह कंपनी को INC Chhattisgarh और PCC प्रेसिडेंट के भी सोशल मीडिया चैनल्स को मैनेज करने का कार्य सौंपा गया था। कुल मिलाकर इन सभी सर्विसेस के लिए टेसू मीडिया लैब को कुल 19 लाख रुपए प्रति माह मिलते थे। टेसू मीडिया लैब न सिर्फ कांग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल्स को मैनेज करता था बल्कि पॉलिटिकल ट्रेनिंग और कंसल्टेंसी भी मुहैया कराया करता था। इसके साथ ही चुनाव कैंपेन मैनेजमेंट का काम भी इसी कंपनी को सौंपा गया था। इस कंपनी के डायरेक्टर पुनर्वासू वर्मा है जो भूपेश बघेल के राजनैतिक सलाहकार विनोद वर्मा के पुत्र हैं।
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