Use of Deobhog ghee for Prasadam in Chhattisgarh: रायपुर: आंध्रप्रदेश के प्रख्यात तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी और तेल के मिलावट का मामला सुर्ख़ियों में है। वही अब ऐसे समय में छग शासन के पशुधन विकास विभाग का एक आदेश सामने आया है। विभाग ने सर्कुलर जारी करते हुए आदेशित किया है कि नवरात्रि के दौरान शक्तिपीठों में देवभोग के घी समेत अन्य उत्पादों को प्रोत्साहित करें। इतने सालों से स्थापित होने के बावजूद छग राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ मर्यादित का ब्रांड देवभोग बहुत ज्यादा लोकप्रिय नहीं हो सका है। देश के दूसरे बड़े ब्रांड की तुलना में बिक्री अब भी कम ही है।
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Use of Devbhog ghee for Prasadam in Chhattisgarh दरअसल, आगामी दिनों में शारदीय नवरात्र की शुरुवात होनी है। ऐसे में प्रदेशभर के तमाम प्रमुख प्रसिद्ध शक्तिपीठों के साथ मंदिरों में आस्था के दीप जगमगाएंगे और मनोकामना ज्योतिकलश प्रज्जवलित होंगे। जिसे लेकर इस बार सरकार और मंदिर समितियां खास सतर्कता बरतने जा रही हैं। तिरुपति में बीते दिनों विवादित घी को लेकर हुए बखेड़े को देखते हुए खास तौर पर घी की शुद्धता और प्रामाणिकता पर फोकस है। सरकार ने ऐसे किसी भी विवाद से बचने सभी शक्तिपीठों में देवभोग घी के इस्तेमाल करने का सर्कुलर जारी किया है। इसके लिए सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है और शक्तिपीठ व मंदिर समितियों से संपर्क करने कहा गया है। सरकार के इस निर्देश के बाद इसपर अमल करने जमीनी स्तर पर इसकी कवायद शुरू हो गई है।