रायपुर: Tribal girls hostage in Raipur, आदिवासी लड़कियों को रायपुर के एम्स अस्पताल में नौकरी दिलाने का झांसा देकर बुलाने और बंधक बना कर काम करवाने के मामले में डीडी नगर पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। लड़कियों को बंधक बनाने के आरोप में मां काली हेल्थ केयर सर्विस के संचालक फलेश साहू, उसकी साथी जया यादव, और कर्मचारी महवीर वर्मा पर पुलिस ने एक्सटर्शन, अवैध रुप से लड़कियों को निरुद्ध करने और अन्य गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है।
लड़कियों को उनके परिजनों के सुपूर्द कर दिया गया है। बता दें कि बंधक बनाई गई पीड़िता ने फोन के माध्यम से मीडिया से मदद मांगी थी। जिसकी सूचना पुलिस को दी गई जिसके बाद रायपुर पुलिस के क्राइम ब्रांच ने एक लड़की को बंद मकान का ताला तोड़कर, और दो अन्य लड़कियों को दो घरों से रेसक्यू किया था।
आजकल लोग सरकारी नौकरी पाने किस तरह से बेकरार है, कि वे किसी भी हद को पार कर देने पर उतारू हैं। लोग नौकरी के लिए अपनी जीवन भर की कमाई जमा पूंजी को दांव लगाने तैयार रहते हैं। इसका ताजा उदाहरण आज धमतरी में देखने को मिला। जब एक ठग मंत्रालय में सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर प्रार्थी से 72 लाख ऐंठ लिए।
बता दें कि धमतरी के लिमतरा का रहने वाला आरोपी भावेंद्र कुमार अग्रवाल जो अपने आप को बड़े बड़े मंत्रियों से जान पहचान होना बताता था। रायपुर मंत्रालय के सामान्य विभागों में डाटा एंट्री आपरेटर सहायक ग्रेड 3 के पद दिलवाने का दावा कर कई लोगों से ऑनलाइन के माध्यम से पैसा लेकर गबन कर गया।
जब प्रार्थी देवी नवागांव जिला कांकेर निवासी विवेकानंद साहू ने धमतरी अर्जुनी थाना पहुंचकर अपराध पंजीबद्ध कराया। तब इस मामले का खुलासा हुआ। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी भावेंद्र कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ एक और आरोपी है जो फिलहाल फरार चल रहा है। पुलिस फरार आरोपी की तलाश में जुट गई है।
घटना की रिपोर्ट पुलिस को आईबीसी24 के माध्यम से पीड़िता के फोन कॉल से मिली, जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई की।
आरोपियों के खिलाफ एक्सटर्शन, अवैध निरुद्ध करने, और अन्य गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
पीड़िता ने आईबीसी24 के माध्यम से मदद मांगी, जिसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की।
पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
सरकारी नौकरी की वैधता जांचने के लिए केवल आधिकारिक पोर्टल का उपयोग करें और किसी अनजान व्यक्ति को पैसे न दें।