Toll free number for drinking water problem complaint-redressal || PHE विभाग के कामकाज की समीक्षा

CM Review Meeting Decision: छत्तीसगढ़ में पहली बार पेयजल समस्या के लिए टोल फ्री नंबर जारी.. CM साय ने की विभागों के कामकाज की समीक्षा

इस अवसर पर ग्राम पंचायत सलोनी के सरपंच प्रतिनिधि सलीम ढीढी,जिला समन्वयक राजकुमार कोशले,उत्कर्ष कावले, मंजू गायकवाड सहित बड़ी संख्या मे ग्रामीणजन उपस्थित रहे।

Edited By :  
Modified Date: March 24, 2025 / 05:48 PM IST
,
Published Date: March 24, 2025 5:42 pm IST
HIGHLIGHTS
  • पेयजल शिकायतों के लिए टोल-फ्री नंबर 1800-233-0008 जारी हुआ।
  • 15 दिनों में हैंडपंप और सार्वजनिक नलों की मरम्मत होगी।
  • जल संरक्षण जागरूकता अभियान में वृक्षारोपण, रैली, नुक्कड़ नाटक हुए।

Toll free number for drinking water problem complaint-redressal : रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जल संसाधन और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक में पेयजल समस्याओं के समाधान और सार्वजनिक जल स्रोतों के सुधार को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए।

Read Also: President Droupadi Murmu CG Visit : छत्तीसगढ़िया, सबले बढ़िया.. राष्ट्रपति मुर्मू के शब्दों पर विधायकों ने थपथपाई मेज, सीएम साय बोले- हम विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के लिए प्रतिबद्ध 

मुख्यमंत्री की तरफ से जारी महत्वपूर्ण निर्देशों में कहा गया है कि, 15 दिनों के भीतर सभी हैंडपंप और सार्वजनिक नलों की मरम्मत सुनिश्चित की जाए। यदि किसी क्षेत्र में पेयजल की समस्या हो, तो नागरिक तुरंत टोल-फ्री नंबर पर संपर्क करें। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) विभाग ने हेल्पलाइन के लिए टोल-फ्री नंबर 1800-233-0008 जारी किया है।

Toll free number for drinking water problem complaint-redressal: मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को गर्मियों के मौसम को देखते हुए जल आपूर्ति की स्थिति पर विशेष ध्यान देने और लोगों को राहत प्रदान करने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पहली बार पेयजल समस्या के शिकायत, निवारण के लिए पृथक रूप से टोलफ्री नंबर जारी किया है।

 

Image

विभाग ने आयोजित किये विविध कार्यक्रम

लोक स्वास्थ्य यांत्रिक विभाग द्वारा जल संरक्षण पर ग्राम सलोनी मे विविध कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम मे जल संकट की गंभीरता पर प्रकाश ड़ालते हुए समाज में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाई गई। इस अवसर पर जल संचयन तकनीकों पर प्रदर्शनी,स्कूल और कॉलेज छात्रों द्वारा जल पर आधारित पोस्टर , निबंध प्रतियोगिता,वृक्षारोपण अभियान,पानी बचाने की शपथ, विशेष व्याख्यान एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया।

पीएचई के कार्यपालन अभियंता मनोज ठाकुर ने बताया कि जल संकट की गंभीरता को देखते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिक विभाग द्वारा जल संरक्षण को लेकर जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को जल के महत्व और इसके संरक्षण के उपायों के प्रति जागरूक करना है।कार्यक्रम के अंतर्गत वृक्षारोपण, रैली, पोस्टर प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक आदि का आयोजन किया गया जिसमें स्थानीय नागरिकों, विद्यार्थियों और सामाजिक संगठनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। वक्ताओं ने वर्षा जल संचयन, टपक सिंचाई प्रणाली, पारंपरिक जल स्रोतों के पुनरुद्धार, घरों में पानी की बचत के उपाय और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की।कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों, सामाजिक संगठनों, स्थानीय नागरिकों तथा सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया।

Read Also: Gwalior Rape Case : पहले नर्सिंग छात्रा को प्रेमजाल में फंसाया, फिर जीजा के साथ मिलकर मिटाई हवस, हो गई प्रेग्नेंट तो… 

इस अवसर पर ग्राम पंचायत सलोनी के सरपंच प्रतिनिधि सलीम ढीढी,जिला समन्वयक राजकुमार कोशले,उत्कर्ष कावले, मंजू गायकवाड सहित बड़ी संख्या मे ग्रामीणजन उपस्थित रहे।

पेयजल समस्याओं की शिकायत के लिए कौन सा टोल-फ्री नंबर जारी किया गया है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) विभाग ने शिकायत दर्ज कराने और समाधान के लिए टोल-फ्री नंबर 1800-233-0008 जारी किया है।

राज्य सरकार ने जल संकट से निपटने के लिए क्या कदम उठाए हैं?

मुख्यमंत्री ने 15 दिनों के भीतर सभी हैंडपंप और सार्वजनिक नलों की मरम्मत के निर्देश दिए हैं। साथ ही, जल संरक्षण जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें वृक्षारोपण, पोस्टर प्रतियोगिता और नुक्कड़ नाटक जैसी गतिविधियां शामिल हैं।

जल संरक्षण को लेकर कौन-कौन से कार्यक्रम आयोजित किए गए?

जल संरक्षण पर जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रदर्शनी, निबंध प्रतियोगिता, जल बचाने की शपथ, कार्यशालाएं, नुक्कड़ नाटक, रैली और वर्षा जल संचयन पर विशेष व्याख्यान आयोजित किए गए।