रायपुर। क्या ‘धर्मांतरण’ का मुद्दा 2024 के लोकसभा चुनाव में किसी दल के लिए चुनावी बैतरणी पार करा सकता है। क्योंकि, प्रदेश में बीते कुछ दिनों से लगातार बड़े पैमाने पर हुए धर्मांतरण और उनकी घरवापसी के अभियान पर सियासी घमासान चरम पर है। शनिवार को सरगुजा संभाग के लगभग 1000 लोगों ने रायपुर में बागेश्वर धाम सरकार के हनुमंत कथा पंडाल में घर वापसी की। अभियान की अगुवाई बीजेपी नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने की। मतांतरित हुए लोगों के पैर पखारकर उन्हें पुन: सनातम धर्म में वापसी करवाई गई। कांग्रेस कहती है इस तरह के अभियानों की सच्चाई पर संदेह है जांच हो, तो बीजेपी कहती है ये सब कांग्रेस शासनकाल की कालिख है, जिसे हम साफ कर रहे हैं।
बागेश्वर धाम सरकार के कथा पंडाल में प्रभु कथा के साथ-साथ सैंकड़ों लोगों की अपने मूल धर्म में वापसी का अनुष्ठान भी सम्पन्न हुआ। एक तरफ लोकसभा चुनाव से पहले धर्मांतरण को लेकर बयानों और कार्रवाईयों की खबरें तो दूसरी तरफ सैंकड़ों हिंदुओं की घर वापसी का अभियान। स्व दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए सरगुजा संभाग के लगभग 251 परिवारों के 1000 लोगों की अपने धर्म में घर वापसी करवाई। जूदेव का दावा है कि सभी वापस सनातनी बने हैं, जो कि मजबूत राष्ट्र निर्माण में सहयोग देगा। जिन लोगों ने सनातन धर्म में वापसी की वो भी बेहद खुश नजर आए।
एक तरफ उत्साह के साथ सैंकड़ों लोगों की धर्म वापसी-घर वापसी का क्रम है तो दूसरी तरफ इस पर घोर सियासी आरोपों वाली खींचतान। कांग्रेस का दावा है कि उनके शासनकाल में एक भी जबरियां धर्मांतरण नहीं हुआ है। कांग्रेसी नेताओं ने शंका जताई कि इस बात की जांच होना चाहिए कि कहीं ये फर्जी घर वापसी अभियान तो नहीं।
कुल मिलाकर 2024 के चुनाव में धर्मांतरण एक बड़ा मुद्दा रहने वाला है ये तय है। इस पूरी मुहिम से जुड़े बड़े सवाल हैं, क्या प्रदेश में बड़े स्तर पर धर्मांतरण हुआ है और हुआ है तो किस वक्त हुआ है? अब जो सैंकड़ों परिवार धर्म वापसी कर रहे हैं, उस कांग्रेस का सवाल उठाना कितना जायज है ?
धान के साथ-साथ सब्जी और फलों का कटोरा भी बनेगा…
6 hours ago