रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप छत्तीसगढ़ में एक अप्रैल 2023 से सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2023 शुरू गया है। मुख्यमंत्री बघेल ने आज अपने राजधानी रायपुर के निवास कार्यालय परिसर से सर्वेक्षण दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सर्वेक्षण का कार्य प्रदेशभर में 01 अप्रैल से 30 अप्रैल 2023 तक चलेगा। राज्य के सभी जिलों में आज प्रगणक दलों ने मोबाइल लेकर घर-घर दस्तक दे रहें हैं। मोबाईल ऐप्लीकेशन के माध्यम से दलों ने सर्वेक्षण से संबंधित डाटा संग्रहण का कार्य शुरू कर दिया है। सर्वेक्षण के पहले दिन सभी जिलों के कलेक्टर ने प्रगणक दलों से चर्चा करते हुए सर्वेक्षण के संबंध में उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और उनकी शंकाओं का समाधान भी किया। सर्वे में कोई भी परिवार न छूटे और सभी इसमें शामिल हो सके, इसके लिए मकानों पर ऑयल पेंट से मोटे अक्षरों में लिखा जा रहा है ताकि यह जल्दी न मिटे। घर के सामने परिवार के मुखिया के साथ फोटो लेकर प्रपत्र के अलावा रजिस्टर में एंट्री की जा रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारी-कर्मचारियों ने भी प्रगणक दलों के साथ मिलकर लोगों को सर्वे में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।
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सर्वेक्षण के दौरान मकानों की नंबरिंग और पोर्टल में जानकारियों की ऑनलाइन और ऑफलाइन एंट्री के साथ ही दलों ने लोगों से परिवार के मुखिया की जानकारी, शैक्षणिक योग्यता, प्रधानमंत्री आवास, धान विक्रय का किसान पंजीयन क्रमांक, आधार नंबर, राशन कार्ड में परिवार की सूची, नरेगा जॉब कार्ड, परिवार की भूमि, परिवार की वार्षिक आय, सिंचाई साधन, वाहन एवं अन्य सामग्री, घर कच्चे या पक्के मकान, परिवार के कितने सदस्यों ने कौशल प्रशिक्षण प्राप्त किया, मोबाइल नंबर, उज्जवला गैस कनेक्शन की जानकारी ली। सर्वे के दौरान रोजगार जैसे- कृषि कार्य, स्वरोजगार, शासकीय नौकरी, निजी नौकरी, मजदूरी, बेरोजगारी की जानकारी लेकर मोबाईल ऐप्लीकेशन में एंट्री की गई। सर्वेक्षण का उद्देश्य विगत वर्षों में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का आमजन के जीवन स्तर पर पड़े प्रभाव का आंकलन कर प्राप्त डाटा का भविष्य में योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन और नई योजनाओं के निर्माण के लिए उपयोग किया जाना है। सर्वेक्षण से विभिन्न योजनाओं से वंचित हितग्राही भी अब नवीन सूची में शामिल हो पाएंगे और उन्हें पात्रता के अनुसार शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सकेगा। मुंगेली जिले में कलेक्टर राहुल देव ने विकासखंड मुंगेली के ग्राम चातरखार में सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सर्वेक्षण हेतु निर्धारित प्रपत्र का अवलोकन किया और स्वयं दो लोगो की जानकारी निर्धारित प्रपत्र में पोर्टल के माध्यम से एंट्री किया। कलेक्टर ने प्रगणक दलों को सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण हेतु चाही गई सभी आवश्यक जानकारी प्रपत्र में त्रुटिरहित भरने के निर्देश दिए। कांकेर जिले में कुल 454 ग्राम पंचायतों में 736 प्रगणक दल और 180 पर्यवेक्षक सर्वेक्षण कार्य में जुटे है।
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कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुमीत अग्रवाल ने जनपद पंचायत नरहरपुर के ग्राम पंचायत अमोड़ा के ग्राम कोर्राम पारा, ढोढरापहर और खदरवाही ग्राम में किए जा रहे सर्वेक्षण का निरीक्षण किया। बलरामपुर जिले में कलेक्टर विजय दयाराम के. और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती रेना जमील ने सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के कार्य में संलग्न अधिकारी-कर्मचारियों को त्रुटि रहित सर्वेक्षण करने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंन बलरामपुर विकासखण्ड के ग्राम भनौरा, दहेजवार, जाबर, पचावल एवं महाराजगंज पहुंचकर सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के कार्यों का जायजा लिया, इस दौरान उन्होंने प्रगणक दलों से चर्चा की और सर्वेक्षण हेतु निर्धारित प्रपत्र का अवलोकन किया। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में कलेक्टर डॉ. फरिहा आलम सिद्दीकी ने सारंगढ़ और बरमकेला विकासखंड के ग्राम पंचायत बुदेली और खिचरी में चले रहे सर्वेक्षण का अवलोकन किया। कलेक्टर ने सर्वे टीम में जुड़े कर्मचारियों को सर्वे ऐप के संचालन और ऑफलाइन जानकारी भरने के कार्यों की जानकारी ली।
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