छत्तीसगढ़ में भेड़ पालन एवं ऊन संवर्धन बोर्ड का गठन किया जाएगा, सीएम बघेल ने दिया बड़ा बयान…

छत्तीसगढ़ में भेड़ पालन एवं ऊन संवर्धन बोर्ड का गठन किया जाएगा : Sheep Husbandry and Wool Promotion Board will be formed in Chhattisgarh

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  • Publish Date - March 19, 2023 / 10:38 PM IST,
    Updated On - March 19, 2023 / 10:38 PM IST

रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में गड़रिया समाज की एक अलग पहचान है। गड़रिया समाज पहले से ही प्रतिष्ठित और सम्मानित समाज है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गरीब-मजदूर, किसान सहित सभी वर्गों के विकास के लिए नीति बनाकर कार्य कर रही है। बघेल ने कहा कि जब सभी परिवार और समाज आर्थिक रूप से मजबूत होगा तभी छत्तीसगढ़ और देश आगे बढ़ेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर स्थित स्वर्गीय बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में आयोजित झेरिया गड़रिया (पाल, धनगर) समाज के वार्षिक अधिवेशन को सम्बोधित कर रहे थे।

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मुख्यमंत्री ने इस मौके पर समाजजनों की मांग पर भेड़ पालन एवं ऊन संवर्धन बोर्ड गठन की घोषणा की। साथ ही महादेव घाट में सामाजिक भवन निर्माण हेतु 50 लाख रूपए देने की घोषणा की। अधिवेशन में गड़रिया समाज के लोगों ने स्व-निर्मित खुमरी, कंबल पहनाकर अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में समाज के उत्कृष्ट और प्रतिभावान व्यक्तियों को सम्मानित किया। ख्यमंत्री ने कहा कि झेरिया-गड़रिया समाज के युवाओं को उनके पारंपरिक व्यवसाय और उद्योग के लिए हरसंभव मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्हें रियायती दर पर जमीन और बिजली आदि सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि अन्य समाजों की तरह गड़रिया समाज को भी नवा रायपुर में रियायती दर पर जमीन दी जाएगी।

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मुख्यमंत्री ने अधिवेशन में कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) के तहत ग्रामीणों को पारंपरिक व्यवसाय के साथ ही छोटे-छोटे व्यवसाय के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बजट में 600 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि गोधन न्याय योजना के तहत बड़ी संख्या में महिलाएं और ग्रामीण गोबर खरीद कर वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने के काम कर रही हैं। इसके साथ ही गौठानों में बकरी पालन, मुर्गी पालन सहित अन्य व्यवसाय से जुड़कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। अब गौठानों में गोबर से पेंट बनाने का काम भी शुरू हो गया, इसके अलावा बिजली उत्पादन का काम भी किया जा रहा है।

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