Reported By: Saurabh Singh Parihar
,रायपुर। Senior BJP MLAs attacks on own government: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन आज एक बार फिर से सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच तीखी नोक झोंक देखने को मिली। इस बीच बीजेपी विधायक भी अपनी सरकार को घेरते दिखे। आखिर क्यों सत्ता पक्ष के वरिष्ठ विधायक सरकार को घेर रहे है? क्या इससे सरकार की रणनीति कमजोर हो रही है ? क्या इससे कांग्रेस कोई लाभ होगा? देखिए खास रिपोर्ट में।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज अनुपूरक बजट के चर्चा के दौरान भाजपा विधायक अजय चंद्राकर पहले कांग्रेस विधायकों पर बिफरे। फिर अपनी ही सरकार पर बिफर पड़े। दरअसल उन्होंने चर्चा के दौरान कहा कि बलौदा बाजार हिंसा में कांग्रेस राज्य की साय सरकार को अस्थिर करने की षड्यंत्र की थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दो विधायक भी बलौदाबाजार के मंची कार्यक्रम में दिखाई दिए थे। जिन्होंने वहां टेंट और खाने का खर्चा भी उठाया था।
अजय चंद्राकर के इस बयान से नाराज कांग्रेस विधायकों ने आसंदी से अजय चंद्राकर से माफी मंगवाने का अनुरोध किया। माफी नहीं मांगने पर कांग्रेस विधायकों ने पूरे सत्र के लिए सदन में अजय चंद्राकर के वक्तव्य के दौरान मौजूद नहीं रहने का निर्णय लिया। कांग्रेस विधायकों के इस निर्णय के बाद भाजपा विधायक अजय चंद्राकर अपनी ही सरकार पर बिफर पड़े।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की गड़बड़ियों के लिए डेढ़ दर्जन से ज्यादा जांच समितियां बनाई गई है। आज यह समिति क्या जांच कर रही है कब तक होगा यह नहीं मालूम। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को ऐसे लोगों पर इकबाल दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों पर अब तक खेल हो जाना चाहिए था। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जांच समिति काम नहीं की तो पार्टी की बैठक में इस बात की समीक्षा भी की जाएगी।
इससे पहले कल भी कवर्धा के एक किसान की हत्या मामले पर आए ध्यानाकर्षण में गृह मंत्री विजय शर्मा और अजय चंद्राकर के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली थी। कांग्रेस अजय चंद्राकर के आज के वक्तव्य से भले नाराज हो लेकिन अजय चंद्राकर द्वारा अपनी ही सरकार पर किए हमले को लेकर तंज भी कस रहे हैं।
आज अनुपूरक बजट से पहले ध्यानकर्षण में भी भाजपा के वरिष्ठ विधायक राजेश मूणत ने खेल एवं कल्याण विभाग के मंत्री टंकराम वर्मा को खूब घेरा। उन्होंने बिना टेंडर टी-शर्ट और टोपी की खरीदी को लेकर सवाल उठाए थे। जिस पर मंत्री टंकराम वर्मा जांच की घोषणा नहीं कर रहे थे। लेकिन भाजपा विधायक राजेश मूणत के लगातार तीखे हमले और आसंदी के कहने पर जांच की बात कही गई।
मानसून सत्र के दो दिनों में स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है कि भाजपा के वरिष्ठ विधायक ही अपनी सरकार को घेर रहे हैं। जिसका सीधा फायदा कांग्रेस को होता दिख रहा है, जिसे कांग्रेस सोशल मीडिया में वायरल भी कर रही है। ऐसे में भाजपा के इन वरिष्ठ विधायकों को कांग्रेस के नेता सत्ताधारी विपक्ष की उपमा भी देने लगे हैं।
वहीं एक चर्चा यह भी है कि साय मंत्रिमंडल में मंत्री के दो पद रिक्त हैं। लेकिन जो कभी रमन सरकार में मंत्री रहे उन्हें जगह नहीं मिल पाई। ऐसे में अब देखना होगा वरिष्ठ विधायकों के इस तीखे तेवर को भाजपा सत्ता और संगठन किस तरह सामंजस्य बनाकर शांत करेगी।
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