रायपुर: Saurabh Chandrakar May be Exposed महादेव सट्टा एप्प के मुख्य सरगना तक पहुंचने में पुलिस ने कामयाबी हासिल की है। सूत्रों के हवाले से मिल रही ख़बरों के मुताबिक़ उसे दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया यह भी जा रहा है कि, सरगना सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी में भारतीय विदेश और गृह मंत्रालय की बड़ी भूमिका रही है। हिरासत में लिए जाने के बाद अब उसे भारत लाये जाने की कवायद भी शुरू हो गई है। बता दें कि, सौरभ चंद्राकर की धरपकड़ के लिए ईडी के अनुरोध पर रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया थी। यूएई के अधिकारियों ने भारत सरकार और सीबीआई को सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी दी है, जिसके बाद उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया भी शरू कर दी गई है। लेकिन क्या आपको पता है कि महादेव सट्टा एप मामले में छत्तीसगढ़ के कई वाइट कॉलर लोगों का नाम सामने आया है। आपको जानकर और हैरानी तब होगी जब ये जानेंगे कि ED ने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ FIR दर्ज किया है।
Saurabh Chandrakar May be Exposed महादेव ऐप का ऑपरेशन दुबई से शुरू होने के बाद इसके संचालकों सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने वहां से बैठकर भारत समेत कई देशो के शहरो में अपने गुर्गे तैनात करके अपना नेटवर्क खड़ा कर दिया। भिलाई दुर्ग समेत प्रदेश के बाकी जिलों के शिक्षित युवाओं को बडे बडे सपने दिखाकर इस ऐप में जोड़ लिया। इस ऐप में कई बडे हवाला कारोबारी, राजनेता समेत कई बडे नौकरशाह भी इस ऐप से जुडे और मोटी मलाई भी खाई। पुलिस का कहना है कि महादेव ऐप का हेडक्वाटर संयुक्त अरब अमीरात में स्थित है, लेकिन देश में 30 से ज्यादा केंद्रों से इसे ऑपरेट किया जा रहा था। इस बेटिंग ऐप को फ्रेंचाइजी के जरिए चलाया जाता था, जिसमें लाभ का अनुपात 70:30 रखा गया था इसके बाद लाभ के हवाला के जरिए UAE भेज दिया जाता था।
महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप में लोग एजेंटों के जरिए सट्टेबाजी के जाल में फँसते थे इसके बाद वे दिए गए या बताए गए नंबर संपर्क करते थे। इस ऐप की खास बात यह थी कि यूजर दिए गए नंबर पर सिर्फ ह्वाट्सएप के जरिए ही संपर्क कर सकते थे। कई भोले-भाले लोगों के खाते खुलवाकर करोड़ों का लेनदेन भी हुआ। महादेव ऑनलाइन बुक ऐप व्हाट्सएप या टेलीग्राम चैट ऐप पर काम करता है, जो देश भर में सट्टेबाजों के बीच बड़े पैमाने पर साझा किया जाता है। जब इस ऐप का मकडजाल पुरे देश के सभी शहरो में फैला तो एजेंसियां सक्रिय हुईं और इस मामले से जुडे सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर जेल की सलाखो के पीछे डाला गया। इस पूरे मामले में महादेव ऐप की हजारों आईडी जब्त हो चुकी है।
महादेव एप सट्टा जांच में ईडी ने पाया कि एक ब्रांच से हर हफ्ते 30 लाख रुपए मुनाफा कमाया जाता है। ईडी ने दावा किया कि इस ऐप की कुल 600 ब्रांच संचालित थी। इस लिहाज से एक महीने में 720 करोड़ रुपए का मुनाफा होता था। ED के मुताबिक महादेव ऐप की जांच में कुछ बेनामी बैंक खातों का पता चला हैख् जिसमें से 15.59 करोड़ रुपए की शेष राशि फ्रीज कर दी गई है। इस पूरे मामले में ईडी ने करीब 1700-1800 पन्नों की नई चार्जशीट एक जनवरी को दायर की थी, जिसमें पांच लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें कथित कैश कूरियर असीम दास, पुलिस कांस्टेबल भीम सिंह यादव, और ऐप से जुड़े एक प्रमुख कार्यकारी शुभम सोनी और अन्य शामिल हैं। इनमें से पुलिस कॉन्स्टबेल भीम सिंह यादव को बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं ईडी की दूसरी चार्जशीट में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी नाम आया है, उनका नाम 5 करोड़ 39 लाख रुपयों के साथ गिरफ्तार हुए उस असीम दास के बयान के आधार पर आया है जिसमें उसने ये रकम भूपेश बघेल तक पहुंचाने की बात कही थी।
अगस्त 2023 में ED ने जांच में पाया कि छत्तीसगढ़ पुलिस के ASI चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर इस सट्टेबाजी ऐप को पुलिस संरक्षण देने के नाम पर ऐप के प्रोमोटरो से हवाला के जरिये पैसा लेते थे। दोनो ने हवाला व्यवसायी अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी से हवाला के जरिए विदेश से पैसा मंगवाया और रानीति,नौकरशाह समेत कई रसुखदार लोगो को बांटा है। ईडी ने इन सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इस हाईप्रोफाइल महादेव सट्टा ऐप के संचालको सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया है और जल्द ही दोनों को भारत लाया जाएगा। सेंट्रल एजेंसियां पूछताछ के बाद दुर्ग पुलिस के हवाले करेगी। पूरे छत्तीसगढ़ में EOW समेत कई थानों में दोनों के खिलाफ 71 FIR दर्ज है। जाहिर तौर पर इन दोनों से पूछताछ के बाद जांच एजेंसियों के हाथ छत्तीसगढ़ की सियासत के कई रसूखदारों के गिरेबान तक पहुंचना तय हैं।