Raipur South By-Election 2024: रायपुर। छत्तीसगढ़ में केवल एक सीट पर विधानसभा उपचुनाव है, पर उसकी गूंज पूरे प्रदेश में है, वजह साफ है कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए ये खुद को तौलने का एक बड़ा मौका है। क्योंकि इसके नतीजों का असर दोनों ही दलों के इंटरनल पॉलिटिक्स पर भी पड़ने वाला है। वहीं, सूबे की समग्र राजनीति पर तो इसका असर दिखेगा ही। तो सवाल यही है कि उपचुनाव के जीत-हार वाले आंकड़े क्या मददगार होंगे यहां दक्षिण में जीतेगा वही, जिसकी रणनीति में दम होगा?
छत्तीसगढ़ में उपचुनाव की अहमियत कितनी है, इसका अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि जब तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी महवाही की सीट से उतरे तो उनके लिए बीजेपी के विधायक ने अपनी सीट खाली की थी, और तब से लेकर अब तक छत्तीसगढ़ में होने वाले उपचुनाव सियासी तपिश बढ़ाते आए हैं। रायपुर दक्षिण की सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर बीजेपी के ऐलान के बाद सबको इंतजार कांग्रेस के फैसले का है। बीजेपी ने पूर्व सांसद सुनील सोनी को मैदान में उतार कर ये साफ कर दिया है कि वो इस उपचुनाव को लेकर कितने गंभीर है।
इधर, कांग्रेस का खेमा अब भी कैंडिडेट को लेकर मंथन कर रहा है। लेकिन, छत्तीसगढ़ के इतिहास में हुए अब तक हुए उपचुनाव में टक्कर बराबरी की है। छत्तीसगढ़ में अब तक हुए कुल 16 उपचुनाव में कांग्रेस ने 8 बार उपचुनाव जीता तो बीजेपी ने भी 8 बार उपचुनाव में अपना झंडा गाड़ा, और अब रायपुर दक्षिण की सीट के लिए भी दोनों दल अपने अपने जीत के दावे कर रहे हैं। कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ में होने वाला हर उपचुनाव अपने साथ कुछ नया सियासी अध्याय लेकर आता है। इस बार भी दोनों दलों के दावों ने सियासी माहौल गरमा दिया है।