रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार ने हिट एंड रन कानून मामले में जारी हड़ताल के बीच सख्त रुख अपनाएँ जाने के संकेत दिए है। सरकार ने हड़ताल के बीच पेट्रोल-डीजल के संकट पर खत जारी किया हैं। सरकार की तरफ से साफ़ कर दिया गया है कि प्रदर्शन के बीच ईंधन की आपूर्ति बाधित नहीं की जा सकती। सरकार प्रदर्शनकारियों पर नजर बनाये हुए है।
सरकार के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण की तरफ से जारी खत में उल्लेख किया गया है कि पेट्रोल और डीजल अति आवश्यक सेवाओं में शामिल है ऐसे में इनके व्यवधान मुक्त परिवहन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएँ।
अधिकतर देखा गया है कि कोई भी ट्रक या डंपर चालक किसी भी व्यक्ति को कुचलकर भाग जाता था अगर पुलिस उसको पकड़ लेती थी तो थाने से ही जमानत हो जाती थी। इसके अलावा 2 साल कैद का भी प्रावधान था, लेकिन सरकार ने इस कानून को संशोधित कर दिया है। हिट एंड रन मामले में अब वाहन चालक को 10 साल की सजा होगी। इसके अलावा 7 लाख रुपए का जुर्माना देना होगा। सरकार के इस फैसले के बाद पूरे देश के ट्रक और डंपर चालक परेशान है। इनका कहना है कि यह सरासर गलत है। सरकार को यह कानून वापस लेना होगा।
इसी मांग को लेकर पूरे देश में ट्रक और डंपर चालक हंगामा कर रहे हैं। हालांकि जहां-जहां पर प्रदर्शन और हंगामा हो रहा है, वहां पर पुलिस बल तैनात है। वाहन चालकों को समझ कर हड़ताल को समाप्त करवाने का प्रयास किया जा रहा है। इस मामले में पुलिस का कहना है कि वाहन चालकों के हंगामा होने की वजह से काफी लोगों को परेशानियां हो रही है। वाहन चालकों ने भी सड़क पर अपनी गाड़ियां खड़ी करके चक्का जाम लगा दिया है। सोमवार को हफ्ते का पहला दिन और साल का पहला दिन होने की वजह से लोग अपने घरों से बाहर निकलते हैं, लेकिन यह हड़ताल होने की वजह से लोग परेशान हैं।