रायपुर। नई और पुरानी पेंशन योजना को लेकर सबसे ज्यादा दुविधा में शिक्षाकर्मी से शिक्षक बने कर्मचारियों में है। शिक्षकों का आरोप है कि शासन शिक्षकों के पेंशन गणना को लेकर उठे सवाल का जवाब नहीं दे रहा है। 1998 में शिक्षाकर्मियों की नियुक्तियां होनी शुरू हुई थी। शिक्षक (एल बी) संवर्ग की नवीन पेंशन कटौती 2012 से की गई है। शासकीय 2018 से हुआ है। शासन नवीन पेंशन में जमा राशि को सरेंडर करने एफिडेविट ले रही है। मतलब 2012 से कटे राशि हम जमा करें, मतलब हमारी पुरानी पेंशन की पात्रता 2012 होगी, इसे शासन स्पष्ट करें। बिना स्पष्ट हुए विकल्प पत्र भरना मुश्किल है।
नई और पुरानी पेंशन योजना का विकल्प भरने के लिए तय समय-सीमा बढ़ाने की मांग की गई है। कर्मचारी नेता इसे मार्च के अंत तक बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, ताकि जिज्ञासा और नफा-नुकसान का आंकलन सही तरीके से हो सके। वहीं कुछ कर्मचारियों ने इसकी पेचीदगी भरी प्रक्रिया पर भी सवाल उठाएं।
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छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, सचिव वित्त विभाग, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर पुरानी पेंशन के लिए संविलियन हुए शिक्षक एलबी संवर्ग के पेंशन निर्धारण सेवा की गणना को स्पष्ट करने के बाद विकल्प पत्र प्रस्तुत करने के लिए पर्याप्त अवसर देने की मांग की है।
छत्तीसगढ़ में नई पेंशन स्कीम और पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर असमंजस की स्थिति बरकरार है। जहां एक तरफ सरकार केंद्र से कर्मचारियों के अंशदान का पैसा मांग रही है ताकि वो कर्मचारियों को पैसा दे सके। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष नई पेंशन स्कीम लागू करने की पूरी जवाबदेही राज्य सरकार को निभाने को कह रहा है। साथ ही साथ कर्मचारी भी राज्य सरकार को पेंशन के लिए बाध्य बता रहे है।
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वहीं वित्त विभाग के पूर्व अध्यक्ष की माने तो ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को नई और पुरानी दोनों स्कीमों की तहत पेंशन मिल सकती है। नई पेंशन योजना में जमा राज्य कर्मचारियों के पैसे का क्या होगा? क्या रिटायरमेंट पर दो पेंशन लागू होगी? जो अभी रिटायर हो रहे हैं उनके लिए क्या व्यवस्था होगी?
ओपीएस योजना के बहाल किए जाने के बाद प्रदेश में असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई है। जैसे जो कर्मचारी वर्तमान में रिटायर हो रहे हैं उन्हें कितनी पेंशन मिलेगी उनकी राशि का क्या होगी, और जो राशि केंद्र सरकार ने काट ली है वह वापस मिलेगी या नहीं? आने वाले समय में कर्मचारियों को इस नई और पुरानी पेंशन स्कीम के चलते किन परेशानियों का सामना करना पड़ेगा यह भी बड़ा सवाल है।