रायपुर: appointments in the corporation board in chhattisgarh मंत्री बनने से चुके भाजपा विधायकों की नजर अब निगम मंडल की नियुक्तियों में अटकी हुई है । कुछ विधायक इसके लिए दिल्ली हाईकमान तक की जुगाड़ जमा रहे हैं । इधर भाजपा संगठन ने इस बार विधायकों की बजाए चुनाव में ईमानदारी के साथ पार्टी के लिए काम करने वालों को मौका देने का निर्णय लिया है । इसके बावजूद बहुत से विधायक इसके लिए जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं ।
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मिली जानकारी के अनुसार मानसून सत्र के बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय निगम मंडल में नियुक्ति को लेकर कोई निर्णय ले सकते हैं । चर्चा ये भी है कि चुनाव के पहले कुछ निगम मंडल की घोषणा की जा सकती है । संगठन निगम मंडलों के लिए पार्टी के निष्ठावान नेताओं और कार्यकर्ताओं की सूची तैयार कर रहा है । हालांकि इस बारे में ना तो भारतीय जनता पार्टी के नेता कुछ बोल रहे हैं और ना ही दावेदारी में लगे विधायक।
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प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव का कहना है कि निगम मंडल में नियुक्तियों का निर्णय मुख्यमंत्री को लेना है । वहीं कांग्रेस के पूर्व मंत्री शिव डहरिया का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी में गुटबाजी चरम पर है। उनके पूर्व प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने प्रदेश से किनारा कर लिया है । आठ बार के विधायक और वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल को प्रदेश की राजनीति से बाहर कर दिया गया है । 15 साल के मुख्यमंत्री रमन सिंह की बात नहीं सुनी जा रही है। गुटबाजी की वजह से निगम मंडल की नियुक्तियां अटकी हुई हैं ।