Naxalites killed in chhattisgarh: रायपुर: छत्तीसगढ़ में पिछले साल के दिसंबर में नई सरकार का गठन हुआ था जिसके बाद से ही राज्य भर में आपराधिक गतिविधियों के रोकथाम और देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती माओवाद के उन्मूलन की दिशा में सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए थे। जिसके सुखद परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं।
दरअसल मुख़्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश और मार्गदर्शन में उप मुख्यमंत्री सह गृह मंत्री विजय शर्मा ने सरकार में वापसी के ठीक बाद नक्सल संगठनों के समक्ष शान्ति प्रस्ताव भी रखा था। उन्होंने खुद भी सीधे बातचीत या फिर वीडियों कॉल एक माध्यम से चर्चा के विकल्प भी दिए थे लेकिन लाल लड़ाकों ने इस गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद सरकार ने बस्तर और बस्तर के सीमावर्ती इलाकों में व्यापक और सघन रूप से नक्सल उन्मूलन और हिंसक गतिविधियों के रोकथाम के लिए अभियान चलाया।
Naxalites killed in chhattisgarh: नक्सलियों से सफाये के लिए पुलिस और सुरक्षाबलों को खुली छूट भी दी गई ताकि बस्तर अंचल में आदिवासीजनों तक सरकार के जनहितैषी योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा क्षेत्र में सुस्त पड़े विकास कार्यों को रफ़्तार देने के दिशा में भी सरकार ने मजबूती से काम किया।
बात करें छत्तीसगढ़ बीते 6 महीनों के नक्सल उन्मूलन कार्रवाई की तो साय सरकार ने उल्लेखनीय कार्य किया हैं। दिसंबर 2023 से जून 2024 तक छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के 100 एनकाउंटर हुए जिसमें 146 नक्सलियों को मार गिराया गया। इसी तरह पुलिस ने इस अवधि में 633 माओवादियों को गिरफ्तार किया और 531 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों में बताया गया है कि पुलिस ने सघन अभियान चलाते हुए 211 माइंस और 179 हथियारों की जब्ती की। इसकी तुलना अगर 2022 और 2023 के आंकड़ों से करें तो महज 23 नक्सलियों को ही ढेर कर पाने में कामयाबी पाई थी। साय सरकार के यह आंकड़े दर्शाते हैं कि नक्सल फ्रंट पर पुलिस और प्रशासन नक्सलवाद को छत्तीसगढ़ से जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए पूरी तरफ प्रतिबद्ध है। देखें अन्य आपराधिक गतिविधियों और इनके खिलाफ की गई कार्रवाई से जुड़े आंकड़े..