रायपुरः CG Assembly Winter Session 3rd Day छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है। प्रश्नकाल की शुरुआत प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में फायर फाइटिंग सिस्टम के मुद्दे के साथ हुई। कांग्रेस विधायक धर्मजीत सिंह ने इस मुद्द को उठाया। जिसके सवालों पर स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल नहीं दे पाए। जिसके बाद विधायक राजेश मूणत ने हमर क्लिनिक के बंद पड़े निर्माण का मुद्दा उठाया।
CG Assembly Winter Session 3rd Day विधायक राजेश मूणत ने पश्चिम विधानसभा में 17 भवन में 3 का निर्माण पूरा हुआ है। जिसमें हमर क्लिनिक लिख दिया, लेकिन उसमे न स्टाफ है न उसमें सेटअप है। न दवाई है। यानी पूर्व सरकार ने ये नाम चमकाने के लिए ये काम किया। क्या इसकी व्यवस्था सुनिश्चित होगी?
विधायक राजेश मूणत के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने अपना जवाब रखा है। उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग के फंड से योजना शुरु हुई थी। 338 लाख केंद्र से भेजे गए थे। पिछली सरकार ने लापरवाही की है। 7.23करोड़ का जुर्माना लगा है। उन्होंने कहा कि जुर्माना पटाने पर केंद्र से दूसरी और तीसरी किस्त जारी होगी। 184 बचे हमर क्लीनिक का निर्माण पूरा हो पाए।
सवाल
क्या इसका सेटअप स्वीकृत है, राज्य का क्या योगदान
जवाब
5 तरह के पद स्वीकृत, दतीउ के तहत संचालन हो रहा
सवाल
सामुदायिक भवन को हमर क्लिनिक बना दिया, रायपुर पश्चिम में 17 स्वीकृत हुए, सिर्फ 3 बने। न सेटअप न दवा।
जवाब
कई जगह से ऐसी शिकायत आई है। इसकी जांच होगी। केंद्र से पैसा आएगा तो काम पूरा होगा।
तीसरे दिन की कार्यवाही में प्रमुख मुद्दा प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में फायर फाइटिंग सिस्टम का था। इसके अलावा विधायक राजेश मूणत ने हमर क्लिनिक के बंद पड़े निर्माण का मुद्दा उठाया, जिसमें स्टाफ, सेटअप और दवाइयों की कमी का जिक्र किया।
कांग्रेस विधायक धर्मजीत सिंह ने प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में फायर फाइटिंग सिस्टम के बारे में सवाल उठाए। वे जानना चाहते थे कि कितने अस्पतालों में यह सिस्टम उपलब्ध है और किस प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था है।
विधायक राजेश मूणत ने सवाल उठाया कि पश्चिम विधानसभा में 17 भवनों में से 3 का निर्माण पूरा हुआ है, लेकिन उनमें से ‘हमर क्लिनिक’ का निर्माण अधूरा है, जिसमें न स्टाफ है, न सेटअप और न ही दवाइयां। उन्होंने पूछा कि क्या इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने बताया कि ‘हमर क्लिनिक’ की योजना 15वें वित्त आयोग के फंड से शुरू की गई थी। पिछली सरकार की लापरवाही की वजह से योजना में देरी हुई और 7.23 करोड़ का जुर्माना भी लगा। उन्होंने कहा कि जुर्माना पटाने के बाद केंद्र से दूसरी और तीसरी किस्त जारी होगी, जिससे निर्माण पूरा हो सकेगा।
‘हमर क्लिनिक’ की योजना के लिए 338 लाख रुपये केंद्र से भेजे गए थे, लेकिन पिछली सरकार की लापरवाही के कारण यह योजना पूरी नहीं हो पाई थी।