CG Ki Baat: रायपुर। अब छत्तीसगढ़ के मंत्री अगले 2 दिनों तक सुशासन का पाठ पढ़ने वाले है। इसके लिए दिन, वक्त और टीचर सभी तय हो चुके हैं। सत्ता पक्ष का दावा है कि इससे मंत्रियों को नई सोच के साथ अपने पुराने अनुभव को साझा करने मौका का देश और दुनिया के प्रख्यात विषय विशेषज्ञ उन्हें सुशासन से लेकर उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ और संचार मीडिया प्रबंधन के गुर सीखेंगे। इन कामों के लिए रायपुर आईआईएम को नोडल एजेंसी बनाया गया है। वैसे तो इस पहल के पीछे मंशा यही बताई जा रही है कि प्रदेश के नीति निर्माता सुशासन का पाठ सीखेंगे, लेकिन राजनीति तो राजनीति है। इस पहल पर राजनीति गरमा गई है।
छत्तीसगढ़ में साय कैबिनेट के सभी मंत्री कल से अगले दो दिन रायपुर IIM में छात्र की तरह सुशासन से लेकर मीडिया प्रबंधन के गुर सीखेंगे। इसके लिए नोडल एंजेंसी रायपुर IIM ने दुनिया भर से एक्सपर्ट्स को बतौर ट्रेनर/टीचर आमंत्रित किया है। ये ट्रेनिंग प्रोग्राम 31 मई की सुबह पौने 9 बजे से शुरू होगा और 1 जून की शाम 7 बजे तक चलेगा। सरकार का दावा है कि इन सेशन्स के जरिए मंत्री गुड गवर्नेंस के गुर सीखेंगे, देश- दुनिया के कई एक्सपर्ट्स से मिलकर अपने क्षेत्र के लिए नया और ठोस विजन प्राप्त कर सकेंगे।
पहली बार मंत्री बने नेताओं के लिए ये बेहतर शुरूआत हो सकती है। इन सेशन्स के तहत जम्मू कश्मीर के गवर्नर रह चुके छत्तीसगढ़ कैडर के IAS, BVR सुब्रह्मण्यम पहली क्लास लेगे, विषय होगा- विकसित छत्तीसगढ़, 10 वर्षों का विजन। दूसरे सेशन में-स्वास्थ्य सेक्टर के न्यू ट्रेंड्स और चैलेंज की जानकारी IIM अहमदाबाद के प्रोफेसर राजेश चांदवानी देंगे। तीसरे सेशन में,IIM धनबाद के प्रोफेसर शिव शंकर राय और भारत सरकार के एडिशनल सचिव संजय लोहिया- प्राकृतिक संसाधनों के कुशल उपयोग पर क्लास लेंगे। इनके अलावा- कुशल वित्त प्रबंधन, टीम प्रबंधन, अधोसंरचना, सुशासन, कृषि, शिक्षा से लेकर प्रौद्योगिकी एवं डेटा विश्लेषण, कन्वर्जेंस से परिवर्तन के साथ-साथ संचार एवं मीडिया प्रबंधन तक का पाठ प्रदेश के मंत्रियों को पढ़ाया जाएगा।
सत्ता पक्ष ने मंत्रियों की इस क्लास, इन सेशन्स को चिंतन शिविर का नाम दिया है, लेकिन विपक्ष इसे अभी से खारिज कर रहा है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी सरकार का अपना कोई विजन नहीं है। मंत्री भ्रष्टाचार की ट्रेनिंग लेने जा रहे हैं। सीखना, नये दौर में नई तकनीक और विजन को जानना बेहतर नतीजे ला सकता है। फिलहाल CM सीएम साय के 11 सदस्यीय मंत्रिमंडल में 6 ऐसे मंत्री हैं, जिन्हें शासन चलाने का कोई अनुभव नहीं है, पहली बार मंत्री बने इन सभी नेताओ के लिए ये 2 दिन का सेशन काफी उपयोगी रह सकता है।
CG Ki Baat: सवाल ये है कि इन सेशन्स से मिले ज्ञान का व्यवहारिक तौर पर प्रदेश में कितना प्रयोग होगा, सवाल ये भी सालों के अनुभव और नई सोच से उपजे बेहतर विजन पर सेशन्स पर अभी से आरोप-प्रत्यारोप का सियासी स्कोप क्यों खोजा जा रहा है?