Charandas Mahant Challenged CG Ministers: रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव को लेकर कमर कस ली है। वहीं, अब नगरीय निकाय चुनावों में अब मेयर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होगा। यानी पार्षद के साथ ही मेयर और अध्यक्ष के लिए भी जनता ही वोट करेगी। साय कैबिनेट की बैठक में लिए गए इस फैसले पर कांग्रेस जमकर हमला बोल रही है। नगरीय निकाय चुनाव के प्रत्यक्ष प्रणाली से होने पर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत का बड़ा बयान सामने आया है।
नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि, पिछली सरकार की निर्णय को बदलने का आजकल शौक हो गया है। निर्णय अच्छा या बुरा हो, बदलने का शौक हो गया है। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने मंत्रियों को चुनौती देते हुए कहा कि, मंत्री अपने-अपने क्षेत्र के निकायों में 5-5 काम बताएं? जो पिछले 1 साल में मंत्रियों ने कराए होंगे? तब तो मंत्री जीत के हकदार होने की बात करें।
इधर निकाय चुनाव से पहले महंत द्वारा मंत्रियों को चुनौती देने पर डिप्टी CM विजय शर्मा ने कहा कि, मोहम्मद अकबर ने कवर्धा में कुछ विकास काम नहीं किया। मैं अपने विस में 5 नहीं अनगिनत काम बता रहा हूं। जनता 5 साल कांग्रेस और 1 साल हमारा काम देख रही है। बता दें कि, बीते 2 दिसंबर को छत्तीसगढ़ सरकार की कैबिनेट की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें कई अहम पैसलों पर मुहर लगाई है। इस बैठक में मुख्यरूप से निकाय चुनाव पर फैसला लिया गया है। कैबिनेट ने नगरीय निकाय चुनाव में महापौर और अध्यक्षों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का निर्णय लिया है।
कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के नगर पालिक निगमों के महापौर एवं नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन प्रत्यक्ष रीति से कराए जाने का निर्णय लिया है। इसके लिए बैठक में छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 (संशोधन) अध्यादेश, 2024 एवं छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 (संशोधन) अध्यादेश 2024 (प्रत्यक्ष निर्वाचन एवं आरक्षण संबंधित प्रावधान) की विभिन्न धाराओं में संशोधन किए जाने के संबंध में अध्यादेश 2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
यहां यह उल्लेखनीय है कि अविभाजित मध्य प्रदेश राज्य में 1999 के पूर्व नगर पालिक निगमों में महापौर तथा नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन प्रत्यक्ष रीति से होता था। तत्कालीन सरकार द्वारा नगरीय निकायों के महापौर तथा नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन को अप्रत्यक्ष रीति से कराए जाने का निर्णय लिया था, जिसकी अधिसूचना का प्रकाशन राजपत्र में 12 दिसम्बर 2019 को किया गया था।