Largest Natural Shivling: मधेश्वर पहाड़ को मिला सबसे बड़ा प्राकृतिक प्रतिकृति शिवलिंग होने का गौरव, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम, सीएम ने दी बधाई

Largest Natural Shivling: मधेश्वर पहाड़ को मिला सबसे बड़ा प्राकृतिक प्रतिकृति शिवलिंग होने का गौरव, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम, सीएम ने दी बधाई

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  • Publish Date - December 11, 2024 / 05:54 PM IST,
    Updated On - December 11, 2024 / 05:58 PM IST

रायपुर । Largest Natural Shivling: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित मधेश्वर पहाड़ को शिवलिंग की विश्व की सबसे बड़ी प्राकृतिक प्रतिकृति के रूप में मान्यता मिली है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिला है। रिकॉर्ड बुक में ’लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग’ के रूप में मधेश्वर पहाड़ को दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए इसे प्रदेश के पर्यटन की उपलब्धियों में एक नया आयाम बताया।

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गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड के प्रतिनिधि हेमल शर्मा और श्री अमित सोनी ने मुख्यमंत्री साय से आज मंत्रालय स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात कर उन्हें वर्ल्ड रिकार्ड का सर्टिफिकेट सौंपा। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, वन मंत्री  केदार कश्यप, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े उपस्थित थी।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में पर्यटकों के बीच लोकप्रिय पर्यटन वेबसाईट https://www.easemytrip.com में जशपुर जिले को शामिल किया गया है। इसके बाद जिले के लिए यह एक और बड़ी उपलब्धि है। इस वेबसाइट में शामिल होने वाला जशपुर छत्तीसगढ़ का पहला जिला है, इससे पर्यटन प्रेमियों को जशपुर के नैसर्गिक स्थलों की जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी तथा पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।

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मधेश्वर पहाड़ : प्रकृति और आस्था का संगम

जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक में मयाली गांव से 35 किलोमीटर दूर स्थित मधेश्वर पहाड़, शिवलिंग के आकार की अपनी अद्भुत प्राकृतिक संरचना के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान लोगों की धार्मिक आस्था का केंद्र है, जहाँ स्थानीय ग्रामीण इसे विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के रूप में पूजते हैं।

पर्यटन और रोमांच का केंद्र

Largest Natural Shivling: मधेश्वर पहाड़ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्वतारोहण और एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए भी लोकप्रिय होता जा रहा है। यहाँ हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं और प्रकृति के साथ जुड़ने का अनुभव करते हैं। जशपुर जिले में पर्यटन और रोमांचक खेलों के विकास की असीम संभावनाएँ मौजूद हैं।

 

Largest Natural Shivling । Image Credit: CG DPR

इस शिवलिंग से जुड़ी जरूरी जानकारी

 

Largest Natural Shivling क्या है?

Largest Natural Shivling, जिसे सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग भी कहा जाता है, एक विशेष प्रकार की शिवलिंग है जो प्राकृतिक रूप से विकसित हुई होती है और इसका आकार अत्यधिक बड़ा होता है।

Largest Natural Shivling कहाँ स्थित है?

Largest Natural Shivling आमतौर पर हिमालय क्षेत्र में स्थित है, विशेष रूप से पेशवाड़ी क्षेत्रों जैसे कि केदारनाथ और अमर्णाथ में पाए जाते हैं।

Largest Natural Shivling की पूजा कैसे की जाती है?

Largest Natural Shivling की पूजा करते समय श्रद्धालु विशेष पूजा विधियों का पालन करते हैं, जिसमें जल, दूध, और अन्य नैवेद्य अर्पित करना शामिल होता है।

क्या Largest Natural Shivling का धार्मिक महत्व है?

हाँ, Largest Natural Shivling का हिन्दू धर्म में अत्यधिक धार्मिक महत्व है। इसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है और श्रद्धालु इसे पूजने आते हैं।

Largest Natural Shivling को देखने के लिए कौन-कौन सी जगहें प्रसिद्ध हैं?

केदारनाथ, अमर्णाथ और कोणार्क जैसे स्थानों को Largest Natural Shivling के लिए विश्व प्रसिद्ध माना जाता है।

 

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