रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में करीब 4 महीने बचे हैं और इसमें जीत हासिल करने के लिए दोनों ही पार्टियां जी जान से लगी हैं। कांग्रेस जहां अपनी सरकार के किए गए काम और जनता के लिए चलाई गई योजनाओं के दम पर सत्ता में बरकरार रहने की कोशिश में लगी हैं, वहीं भाजपा हर वर्ग की अपेक्षाओं की नब्ज टटोलकर घोषणा पत्र बनाने में जुटी है। खासकर उसका फोकस उन अधूरे वादों पर है, जिसका वादा कांग्रेस ने किया तो, लेकिन पूरा नहीं कर सकी। छत्तीसगढ में चुनावी समर शुरू होने में 4 महीने ही बाकी रह गए हैं। लिहाजा, प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी चुनावी तरकश के तीरों को धार देने में जुटी है। इस बार उसके तरकश में वादों की झड़ी होगी, तो दूसरी ओर आरोपों के तीर भी होंगे। वादा होगा किसान, युवा, महिला, बेरोजगारों से लेकर अनियमित, संविदा और डेली वेज कर्मचारियों से सौगातों का। इसकी झलक प्रदेश भाजपा के दिग्गज दे भी चुके हैं.. एक दिन पहले ही प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, तीनों प्रदेश महामंत्री विजय शर्मा, ओपी चौधरी, और केदार कश्यप समेत कई बड़े नेता नियमितिकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे कर्मचारियों के बीच पहुंचे थे और घोषणा की थी, कि भाजपा अपने घोषणापत्र में उनकी मांगों को शामिल करेगी।
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भाजपा चुनावी वादों पर काम भी शुरू कर चुकी है। बीजेपी के दिग्गज नेताओं के साथ घोषणा पत्र समिति के 31 पदाधिकारियों की दूसरी बैठक हुई तय किया गया है कि घोषणापत्र समिति के पदाधिकारी अलग-अलग वर्गों तक जाएंगे और उनकी मांगों के आधार पर घोषणा पत्र तैयार करेंगे। इसमें वो वादे भी होंगे। जिसे 5 साल पहले कांग्रेस ने किए तो थे..लेकिन उसे पूरा नहीं कर पाई। ये अलग बात है कि कांग्रेस इसे दूर की कौड़ी बता रही है। भाजपा चुनावी वादों पर काम भी शुरू कर चुकी है. प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, सह प्रभारी नितिन नबीन, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव समेत घोषणा पत्र समिति के 31 पदाधिकारियों की दूसरी बैठक आज कुशाभाउ ठाकरे प्रदेश कार्यालय में संपन्न हो गई, जिसमें तय किया गया है कि घोषणापत्र समिति के पदाधिकारी नौजवनान, महिला, किसान, बेरोजगार, कर्मचारी समेत सारे वर्गों तक जाएंगे।
उनकी मांगों के आधार पर घोषणा पत्र तैयार करेंगे. कहने की जरुरत नहीं होगी ये घोषणापत्र इनसे किए जाने वाले वादे ही होंगे, और उन वादों में वो अधूरे वादें भी होंगे, जिसे 5 साल पहले कांग्रेस ने तो किया, लेकिन उसे पूरा नहीं कर पाई. यानि, जो कांग्रेस न कर सकी, उसे करने का वादा कर भाजपा सत्ता में आने की तैयारी करेगी।ये अलग बात है कि कांग्रेस इसे दूर की कौरी बात रही है।