रायपुर: ED Raid In Chhattisgarh Latest News छत्तीसगढ़ में आज ईडी की ताबड़तोड़ कार्रवाई देखने को मिली। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने रायपुर और सुकमा में कांग्रेस नेताओं और उनके करीबियों के ठिकानों पर दबिश दी है। वहीं, दबिश के दौरान ईडी के अधिकारियों को कई अहम दस्तावेज भी मिले हैं, जिसके बाद ये माना जा रहा है कि आगामी दिनों में कई अहम खुलासे हो सकते हैं। बता दें कि ईडी ने आज कथित शराब घोटाला के मामले को लेकर रेड डाली थी। लेकिन ईडी की कार्रवाई के बीच एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है।
ED Raid In Chhattisgarh Latest News मिली जानकारी के अनुसार पूर्व मंत्री कवासी लखमा के बेहद करीबी माने जाने वाले सुशील ओझा के चौबे कॉलोनी स्थित आवास पर आज ईडी की टीम ने दबिश दी। लेकिन इस दौरान सुशील ओझा नहीं मिले। वहीं, परिजनों की मानें तो वो पिछले दो दिन से अपने दोनों मोबाइल छोड़कर घर से गायब हैं। बताया गया कि सुशील ओझा की तलाश में ईडी के अधिकारियों ने नयापार स्थित सद्दाम सोलंकी के घर पर भी दबिश दी थी, लेकिन वहां से भी ईडी की टीम खाली हाथ लौट आई। फिलहाल चौबे कॉलोनी स्थित आवास पर ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है।
ज्ञात हो कि आज ईडी की टीम ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा के जोरा स्थित आवास दबिश दी थी। इस दौरान ईडी के अधिकारियों ने कवासी लखमा की कार से कई अहम दस्तावेज बरामद किए हैं। वहीं सुकमा में उनके बेटे हरीश कवासी के शासकीय आवास पर अधिकारी पहुंचे हैं। इसके अलावा सुकमा में ही नगरपालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर भी अधिकारी कार्रवाई कर रहे हैं। सुकमा में दोनों कांग्रेस नेताओं के घर 5 गाड़ियों में 10 से ज्यादा ईडी के अधिकारी पहुंचे हैं। आशंका जताई जा रही है कि छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटालों को लेकर यह कार्रवाई की जा रही है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में कई नेता और अफसर अवैध सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दे रहे थे। रिपोर्ट्स ये पूरा सिंडिकेट सरकार के इशारों पर ही चलता रहा। तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा को भी इसकी जानकारी थी और कथित तौर पर कमीशन का बड़ा हिस्सा आबकारी मंत्री कवासी लखमा के पास भी जाता था। ज्ञात हो कि इस मामले को लेकर 2161 करोड़ के शराब घोटाले के मामले में ACB ने 70 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। FIR में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम भी FIR में शामिल है, जिन्हें हर महीने 50 लाख दिया जाता था।
शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ सरकार के कार्यकाल के दौरान एक अवैध सिंडिकेट द्वारा 2,161 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितताएं शामिल हैं। इसमें कथित रूप से अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत थी।
ईडी का मुख्य उद्देश्य घोटाले से जुड़े वित्तीय लेन-देन की जांच करना और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करना है।
ईडी ने कवासी लखमा की कार और उनके ठिकानों से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं, जो जांच में उपयोगी हो सकते हैं।
सुशील ओझा, जो कवासी लखमा के करीबी माने जाते हैं, ईडी की कार्रवाई के दौरान गायब पाए गए। उनकी भूमिका की जांच की जा रही है।
हां, दस्तावेजों और जांच के आधार पर ईडी अन्य संबंधित व्यक्तियों पर भी कार्रवाई कर सकती है।