Journlist Mukesh Chndrakar Murder Congress and BJP: बीजापुर: बस्तर के तेजतर्रार पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या को लेकर राजनीतिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। गृहमंत्री विजय शर्मा के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कांग्रेस ने जोरदार पलटवार किया और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए।
कांग्रेस का दावा है कि मुकेश चंद्राकर के हत्यारे सुरेश चंद्राकर भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा नेता जी व्येंकटेश ने सुरेश चंद्राकर को पार्टी में शामिल कराया था। कांग्रेस ने चुनौती दी है कि मुख्यमंत्री आवास में आने-जाने वालों की पिछले 15 दिनों की सूची सार्वजनिक की जाए। उनका कहना है कि इस सूची में सुरेश चंद्राकर का नाम जरूर शामिल होगा।
Journlist Mukesh Chndrakar Murder Congress and BJP: कांग्रेस ने सुरेश चंद्राकर की भाजपा नेताओं के साथ तस्वीरें जारी कर यह साबित करने की कोशिश की कि उनका संबंध सीधे भाजपा से है। इस के अलावा कांग्रेस ने 120 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट में 90 प्रतिशत भुगतान को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने गृहमंत्री और पीडब्ल्यूडी मंत्री से इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस ने मृतक मुकेश चंद्राकर के परिजनों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की।
कांग्रेस ने गृहमंत्री पर खुद पर दर्ज डेढ़ दर्जन से अधिक आपराधिक मामलों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे में उनका कांग्रेस को अपराधियों की पार्टी कहना हास्यास्पद है। इस तरह देखा जाएँ तो यह मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है, जहां दोनों दल एक-दूसरे पर तीखे आरोप लगा रहे हैं।
सुरेश चंद्राकर कांग्रेस के नहीं बीजेपी के हैं नेता।
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष (बीजापुर) व बस्तर प्रभारी जी. वेंकट पत्रकार मुकेश चंद्राकर के हत्यारे सुरेश चंद्राकर को हार पहनाकर भाजपा प्रवेश करवाते हुए।
ठेकेदार भाजपा नेता सुरेश चंद्राकर ने 15 दिन पहले मुख्यमंत्री निवास में… pic.twitter.com/1WQTlGvT5z
— INC Chhattisgarh (@INCChhattisgarh) January 4, 2025
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है, जिसके वास्तविकता की पुष्टि IBC24 ने नहीं की है। यह पत्र कथित तौर पर बीजापुर के कांग्रेस नेता लालू राठौर द्वारा प्रेस क्लब के अध्यक्ष को लिखा गया था। इस पत्र में दिवंगत पत्रकार मुकेश चंद्राकर समेत अन्य तीन पत्रकारों के बहिष्कार की बात कही गई थी। यह पत्र पिछले साल अप्रैल में जारी किया गया था, और अब इसे लेकर नई बहस छिड़ गई है।
Mukesh Chandrakar Murder Case Latest Update: वायरल पत्र में जिन चार पत्रकारों का बहिष्कार किया गया था, उन पर आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने तत्कालीन विधायक विक्रम मंडावी के खिलाफ खबरें प्रकाशित कर उनकी छवि खराब करने की कोशिश की। साथ ही, यह भी कहा गया कि इन खबरों के जरिए किसी विशेष राजनीतिक दल को फायदा पहुंचाने का प्रयास किया गया।
भाजपा और कांग्रेस के बीच इस मुद्दे को लेकर आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। भाजपा ने कांग्रेस पर पत्रकारों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है, जबकि कांग्रेस ने इन दावों को खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया है।
Mukesh Chandrakar Murder Case Latest Update: पत्रकारिता जगत और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस हत्याकांड की निष्पक्ष जांच की मांग की है। मुकेश चंद्राकर की हत्या ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या आज पत्रकार अपने काम के प्रति सुरक्षित हैं? यह मामला एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर करता है कि स्वतंत्र पत्रकारिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को किस तरह संरक्षित किया जा सकता है।