CG Ki Baat: रायपुर। प्रदेश में माता कौशल्या के एकलौते मंदिर चंदखुरी धाम में भगवान राम की मूर्ति कुछ महीनों बदलने वाली है। नई मूर्ति का निर्माण शुरू हो चुका है, लेकिन कांग्रेस शासनकाल में विकसित चंदखुरी में भाजपा सरकार के इस कदम पर अभी से बीजेपी और कांग्रेस नेता आमने-सामने हैं। वजह है श्रीराम की मूर्ति, बीजेपी का दावा है हम राम की गरिमा के मुताबिक मूर्ति बनवा रहे हैं तो कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी आस्था से ज्यादा दिखावे में मस्त है।
छत्तीसगढ़ में राम जी ननिहाल यानि माता कौशल्या के धाम चंदखुरी में लगी भगवान श्री राम की 51 फीट ऊंची एक नई मूर्ति लगाई जाएगी, जो कि ग्वालियर में बनना शुरू हो चुकी है। सेंड स्टोन से बनाई जा रही मूर्ति का काम 2-3 माह में पूरा होगा। इस पर सियासी बहस का नया मोर्चा खुल गया है। दरअसल, पिछली कांग्रेस सरकार के वक्त स्थापित राम जी मूर्ति को लेकर भाजपा ने ठीक ना बताते हुए तब भी आपत्ति जताई थी और सत्ता में आने पर एक नई मूर्ति लगाने का ऐलान विधानसभा में किया था। खास बात ये कि कांग्रेस शासन काल के समय जिस कंपनी ने रामजी की मूर्ति बनाई थी अब भी वही कंपनी अपने खर्च पर श्री राम की नई मूर्ति तैयार करवा रही है। लेकिन, नई वर्सेज पुरानी मूर्ति पर भाजपा-कांग्रेस में जुबानी जंग तेज है।
प्रदेश के पूर्व संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का आरोप है कि बीती कांग्रेस सरकार ने श्रीराम की विकृत मूर्ति बनाई। अब बीजेपी सरकार राम की छवि और गरिमा के अनुरूप उनकी मूर्ति स्थापित करेंगे। जाहिर है ये बात कांग्रेस को रास नहीं आई है। पूर्व डिप्टी CM TS सिंहदेव ने पलटवार में कटाक्ष किया कि BJP मूर्ति पर आस्था रखने के बजाय नीचा दिखाने की सियासत में व्यस्त है। वैसे, पुरानी मूर्ति के स्वरूप को लेकर स्थापना के वक्त से ही बदले जाने की बात उठती रही है। अब जबकि बीजेपी सरकार ये काम आगे बढ़ा रही है तो इस पर भी सियासत जारी है।
बीजेपी का दावा है कि वो राम के नाम, उनके स्वरूप, उनकी गरिमा को कहीं से भी कमतर होने नहीं देगी तो कांग्रेस का आरोप है कि सत्तापक्ष को विरोधियों को नीचा दिखाकर सिर्फ सियासी माइलेज चाहिए। सवाल ये कि इस कदम के पीछे गलती सुधार की मंशा है या कमियां बताकर नीयत पर सवाल उठाने की सियासत चमकाने की ?