रायपुर। CG Ki Baat: पूर्व मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी के बाद शराब घोटाले की जांच और तेज हो गई है। ईडी ने अपनी रिमांड शीट में जो इशारे किए हैं। उसमें पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड का नाम सीधे तौर पर सामने आया है। अगर शीर्ष अधिकारी तक आंच पहुंची तो तत्कालीन सरकार भी इसकी जद में स्वाभाविक तौर पर आती दिख रही है। अब सवाल यही है कि अगली गिरफ्तारी किसकी और किन चेहरों से नकाब हटना अभी बाकी है?
पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की गिफ्तारी के बाद ये वही रिमांड शीट है जिसे कोर्ट में पेश किया गया है। इसी शीट से ये खुलासा हुआ कि पूरा शराब का सिंडिकेट पूर्व मुख्य सचिव रहे विवेक ढांड के अंडर में काम कर रहा था। कवासी लखमा आबकारी मंत्री थे उन्हें आबकारी विभाग की पूरी स्थिति की जानकारी थी। फिर भी उन्होंने अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए कुछ नहीं किया। लखमा ने नीति परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके कारण छत्तीसगढ़ में FL-INA लाइसेंस की शुरुआत हुई। ईडी के वकील के मुताबिक पूर्व आबकारी मंत्री को 50 लाख रूपये के अलावा करीब डेढ़ करोड समेत कुल 2 करोड़ रूपये प्रतिमाह दिया जाता था।
CG Ki Baat: ED के इन खुलासों के चलते शराब घोटाले पर सियासत फिर तेज हो गई। बीजेपी ने लखमा और तत्कालीन कांग्रेस सरकार को घेरा। बीजेपी के हमलों पर कांग्रेस भी चुप नहीं बैठी। लखमा की गिरफ्तारी को सियासी सजिश बताकर पलटवार किया। शराब घोटाले में पूर्व केबिनेट मंत्री कवासी लखमा पकडे गये। कई आबकारी अधिकारी जेल गये। कई कद्दावर IAS अधिकारियों को भी जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा। शराब के कारोबार से जुडे कई मास्टरमाईंड भी कानून की गिरफ्त में आ चुके है। ऐसे में में दबी जुबान में ये चर्चा भी सरगर्म है कि अब अगला नंबर किसका होगा?