Hasdeo Aranya News: हसदेव अरण्य में कांग्रेस को ‘संजीवनी’ की तलाश! करारी हार के बाद कोल ब्लॉक का कड़ा विरोध, खनन कंपनी का 42 लाख पौधरोपण का दावा

  •  
  • Publish Date - January 11, 2024 / 10:15 AM IST,
    Updated On - January 11, 2024 / 11:18 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई को लेकर राजनीति तेज हो गयी है। काँग्रेस और भाजपा दोनों आरोप प्रत्यारोप में लगे हैं। यहाँ कोल ब्लॉक शुरू किए जाने को लेकर सरकार में रहते हुये अब तक चुप्पी साधी कॉंग्रेस अब विरोध में उतर आई है। ऐसा लगता है विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद अब आम चुनाव के लिए कॉंग्रेस हसदेव अरण्य में संजीवनी की तलाश में है। यही वजह है कि कॉंग्रेस के नेता अब मुखर होकर कोल ब्लॉक का विरोध कर रहे हैं।

विडंबना है कि हसदेव अरण्य में खोले जाने वाले परसा ईस्ट केते बासन कोल ब्लॉक की अनुमति केंद्र में कॉंग्रेस की सरकार द्वारा ही दी गयी थी। सबसे पहले इस खदान के लिए 1898.328 हे. वन भूमि के डायवर्सन की स्वीकृति 15/03/2012 को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा दी गई, जब केंद्र में कॉंग्रेस की सरकार थी।
परसा ईस्ट केते बासेन कोल ब्लाक राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड, जयपुर (RRVUNL) को आबंटित किया गया।

CG-MP TOP-5 News: कांग्रेस ने नहीं स्वीकारा ‘राम का बुलावा’ तो BJP ने बताया कैसे कर पाएंगे निःशुल्क रामलला के दर्शन.. पढ़े क्या हैं टॉप 5 ख़बरें

राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड, जयपुर (RRVUNL) द्वारा कोल ब्लाक हेतु एम.डी.ओ. परसा केते कोल लिमिटेड (मेसर्स अदाणी इंटरप्राईजेस का उपक्रम) को नियुक्त किया गया है।
परसा ईस्ट केते बासन पर खनन पट्टा स्वीकृति, पर्यावरण स्वीकृति, वन व्यपवर्तन स्वीकृति, जैसे भी आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के पश्चात, बिना किसी स्थानीय विरोध के वर्ष 2012 से खनन का कार्य प्रारंभ हुआ।

वहीं, परसा ईस्ट केते बासन फेज-2 के तहत 1136 हे. की स्वीकृति पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 02/02/2022 को दी। वन भूमि डायवर्सन के लिए अंतिम चरण की स्वीकृति वन विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 25/03/2022 प्रदान की गई, जब राज्य में काँग्रेस की ही सरकार थी।

CG Ayodhya Darshan News: बिना खर्च कर पाएंगे रामलला के दर्शन.. इन जिलों से अयोध्या रवाना होगी ट्रेन, एक रात काशी में भी

अब जब काँग्रेस विपक्ष में बैठ चुकी है, तब हसदेव अरण्य के रूप में वापसी के लिए एक मुद्दा नजर आ रहा है। भाजपा नेताओं द्वारा कॉंग्रेस पर दोमुंही राजनीतिक आचरण करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कांग्रेस पार्टी जिस हसदेव अरण्य को लेकर राजनीति कर रही है उसका पूरा पेपर कार्य कांग्रेस के समय में हुआ है और आज जब सत्ता से उतर गए तो पूरा ठीकरा भाजपा के ऊपर थोप रहे हैं। 23 जून 2022 को राजस्थान सरकार को वनमण्डल सरगुजा छत्तीसगढ़ द्वारा डीजीपीएस सर्वेक्षण रिपोर्ट उप मंडलाधिकारी उदयपुर एवं परिक्षेत्राधिकारी उदयपुर द्वारा सत्यापन किया गया तब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार थी इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस की सरकार ही कोयला उत्खनन के लिए परमिशन देना चाहती थी।

42 लाख पौधरोपण का दावा

परसा केते कोल लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि कोयला खदान परियोजना अंतर्गत वन भूमि व्यपवर्तन के एवज में कुल 3822 क्षेत्र में वैकल्पिक वृक्षारोपण के तहत 42,04,200 पौधों का रोपण किया गया है। इसी तरह भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा अधिरोपित शर्तों के अनुसार डम्प तथा रिक्लेमेशन क्षेत्र में कुल 8,20,700 पौधों का रोपण किया गया है। इस तरह परियोजना अंतर्गत 50,24,900 वृक्ष का रोपण अब तक किया गया है। इसके अतिरिक्त माइन रिक्लेमेशन प्लान के अनुसार रिक्लेम की गई भूमि पर भी लगभग 1 लाख पौधे प्रति वर्ष लगाए जायेंगे।

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें