CG Ki Baat: रायपुर। बीते 24 घंटों से देश ही नहीं दुनिया भर के मीडिया में दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल की शराब घोटाला मामले में गिरफ्तारी सुर्खियों में है। ED के इस एक्शन पर पक्ष का-विपक्ष का रिएक्शन आ चुका है। इसी बीच छत्तीसगढ़ में भी पिछली कांग्रेस सरकार के समय हुए शराब घोटाले पर बहस छिड़ गई है। 2000 करोड़ से ज्यादा के शराब घोटाले की जांच ED कर रही है। घोटालेबाजों को संरक्षण देने को लेकर पूर्व CM भूपेश बघेल निशाने पर हैं। भाजपा सरकार का दावा है कि यहां भी जल्द सभी जिम्मेदारों को जेल पहुंचाया जाएगा। सवाल ये इस मुद्दे पर चर्चा और बहस क्यों? क्या इस बार 2024 के आम चुनाव में भी ये मुद्दा कांग्रेस के लिए सिरदर्द बनेगा?
देश में लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण की शुरूआत के बीच शराब घोटाला मामले में दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सियासी गलियारे में बवाल मचा हुआ है। शुक्रवार रात केजरीवाल को ED ने अरेस्ट किया तो इधर, इसकी आंच छत्तीसगढ़ में पिछली भूपेश सरकार के दौरान हुए शराब घोटाले तक पहुंच गई है। दिल्ली शराब घोटाले के सुर्खियों में आने के बाद बीजेपी ने फिर कांग्रेस को घेरा है। प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सीधे पूर्व CM भूपेश बघेल पर हमला बोलते हए कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान हुए शराब घोटाला में सीधे भूपेश बघेल की शह थी। वहीं, मंत्री चौधरी ने कहा कि शराब घोटाले के पैसे से ही भूपेश बघेल की ढाई साल की कुर्सी बची थी, यही पैसा गांधी परिवार को भी भेजा गया।
प्रदेश में अब बीजेपी सरकार है, जिसका दावा है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाला करने वालों को सजा जरूर मिलेगी। वहीं, आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार कर कहा कि भाजपा अपने दम पर चुनाव जीत नहीं पा रही इसीलिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। दरअसल, छत्तीसगढ़ में जिस 2000 करोड़ के शराब घोटाले की जांच ED कर रही है, उसकी अब तक की जांच में कई स्तर पर गड़बड़िया सामने आई हैं। रिपोर्ट और आरोपों के मुताबिक, 2018 में कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में प्रशासनिक अफसरों और सियासी नेताओं के नेक्सस ने शराब के लागत रेट बढाए, जिसका नुक्सान सरकारी खजाने को हुआ और सीधा फायदा शराब बनाने वाली कंपनी को हुआ। इस फेवर के बदले इन कंपनियों से लाखों रु का कमीशन वसूला गया।
CG Ki Baat: इसके अलावा घोटालेबाजों ने सरकारी शराब दुकानों में बिकने वाली शराब के समानांतर शराब बनाने, बॉटलिंग करने और उसे सरकारी शराब दुकानों में खपाने का नया सिस्टम खड़ा किया। डुप्लीकेट हॉलोग्राम के साथ अवैध शराब को रसूस और सरकारी तंत्र के सहारे शराब दुकान में बेचा गया। इस पूरे खेल को सरकार का संरक्षण प्राप्त होने का आरोप है। बड़ा सवाल ये कि क्या यहां भी जल्द बड़े नामों की गिरफ्तारियों का सिलसिला बढ़ेगा ? क्या इसका भी असर प्रदेश की सियासत और 24 के नतीजों पर पड़ेगा..?