CG Ki Baat: रायपुर। बयानों का सुर्खियां बनना और विवाद छिड़ना इन दिनों बहुत आम बात है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर बीजेपी अक्सर हमला बोलती रही है। ताजा केस में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। पूर्व CM भूपेश बघेल ने किसी मंच पर भगवान शिव पर एक लोटा जल चढ़ाने वाला बयान दिया है, जिसपर भाजपा सांसद विजय बघेल ने उन्हें फौरन घेरा और इसे सनातनी सेंटिमेंट्स पर करारा प्रहार बताया। आरोप लगाया कि, बौखलाकर ऐसे बयान देकर भूपेश, सुर्खियां बटौर रहे हैं, माहौल खराब कर रहे हैं। आखिर ऐसा क्या कहा है पूर्व CM ने, क्यों कहा है, कहां कहा है और इस पर आरोप-विवाद कितना सही है। आइए जानते हैं..
छत्तीसगढ़ कि सियासी मंच पर चाचा-भतीजे के बीच का चुनावी दंगल सियासी तापमान बढ़ा रहा है। दुर्ग से भाजपा सांसद विजय बघेल और पूर्व CM भूपेश बघेल, एक ही परिवार, एक ही क्षेत्र से आते हैं और चुनाव मैदान में एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रह चुके हैं। इनके बीच जुबानी वार-पलटवार नया नहीं है। हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि, भगवान शिव पर एक लोटा जल चढ़ने मात्र से ही कोई बच्चा पास नहीं होगा, बल्कि मेहनत भी करनी पड़ेगी। जिस पर दुर्ग से भाजपा सांसद विजय बघेल ने कहा की भूपेश बघेल के पास फिलहाल कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं है, इसलिए वो बौखलाहट में वाहियात बयान दे रहे हैं।
सांसद बघेल ने पूर्व CM पर तंज कसते हुए कहा कि, क्या भूपेश मुसलमान या ईसाई हो गए हैं ? लगे हाथ विजय बघेल ने दावा किया कि देवेंद्र यादव के जेल जाने से भूपेश बघेल अंदर से खुश है। चुनाव मैदान में जुबानी हमले से माहौल गर्माना समझ आता है। ऐसे बयानों पर अक्सर बहस के बीच ये आरोप भी लगते हैं ये सब असल मुद्दों पर से ध्यान भटकाने वाली कवायद है। लेकिन, अभी ‘एक लोटा जल’ जैसा बयान किस मंशा से दिया गया है।
क्या ये वाकई बौखलाहट है जैसा आरोप है या फिर ये सोचसमझकर- जानबूझकर दिया गया बयान है? सबसे बड़ा सवाल ये है कि इस तरह के बयानों से सुर्खियां और बहस के मोर्चे तो बनते हैं, लेकिन क्या असल में जनता का कोई भला होता है?