Firing in Raipur: रायपुर। शनिवार को राजधानी में दिनदहाड़े एक गोलीकांड हो गया। मामला और गंभीर तब हो गया जब पता चला कि राजधानी में कोयला कारोबारी के प्रतिष्ठान के सामने फायरिंग करने वाले आरोपी झारखंड के एक गैंग से जुड़े हैं, जिसका लिंक कोयला कारोबारी को गैंगस्टर की पिछली धमकी से जुड़ा हुआ है। सवाल उठा कि क्या प्रदेश में गैंगस्टर्स पैर जमाने की फिराक में हैं। क्योंकि पहले भी इस गैंग ने कोल कारोबारियों से वसूली के लिए साजिश रची, फिर जब पिछली बार वारदात से पहले उनके शूटर्स पकड़े गए तो IBC24 को एक E-mail भेजकर कारोबारी को धमकी भी दी।
गैंग की करतूत पर विपक्ष ने सरकार को कानून-व्यवस्था पर घेरा तो सत्तापक्ष का दावा है, कि प्रदेश में हर हाल में ऑर्गेनाइज्ड क्राइम जड़ें जमने नहीं दी जाएंगी। सवाल है क्या प्रदेश में अंडरवर्ल्ड की पैठ बढ़ रही है? इसके लिए देखें खास रिपोर्ट…
राजधानी रायपुर के तेलीबांधा थानाक्षेत्र में, उद्योग भवन के पास दिनदहाडे गोलियां चलने से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। बड़ी बात ये कि ये गोलीकांड उसी कोयला कारोबारी का दफ्तर के बाहर हुआ जिसे बीते दिनों झारखंड के अमन साहू गैंग के 4 शूटर्स सुपारी लेकर मारने रायपुर आये थे। गनीमन रही की तब वारदात से पहले ही पुलिस को खबर लगी और उन्होंने आरोपियों को धरदबोचा। आज भी कारोबारी के ऑफिस के बाहर हुई गोलीबारी में उसी गैंग के गुर्गो के शामिल होने की आशंका पुलिस ने जताई है। वारदात के चश्मदीद के मुताबिक काली पल्सर बाइक से आए दो अज्ञात बाइक सवारों ने ऑफिस के सामने गोली चलाई है और फरार हो गये है।
शूटर्स ने श्यामनगर इलाके के तारू सिंह चौक पर बाइक छोड़ी और फरार हो गये। घटना के फौरन बाद पुलिस रेल्वे ने स्टेशन, बस स्टेंड समेत शहर से बाहर जाने वाले सभी रास्तों पर तत्काल नाकेबंदी की, लेकिन शातिर शूटर्स बाइक छोड़, ऑटो से फरार हो गए। गंभीर बात ये है कि मई में 4 शूटर्स की गिरफ्तारी के बाद IBC24 को मिले एक ई-मेल में मयंक सिंह जो की लॉरेंस बिश्नोई गैंग को ऑपरेट करता है, उसके नाम से ये कोयला कारोबारी को ये चैलेंज दिया गया था, कि भले ही अभी शूटर्स को पुलिस ने पकड़ा हो, लेकिन गैंग में ना तो शूटर्स की कमी है ना ही हथियारों कीतब ईमेल की।
जांच कर पुलिस ने बताया था कि ये मलेशिया से किया गया है। अब फिर से कारोबारी के ऑफिस के बाहर फायरिंग से जहां धमकी पूरी होती दिखी है तो वहीं पुलिस ने तब चुनौती को सीरियसली नहीं लिया ये नजर आता है। वारदात के बाद विपक्ष ने सरकार को कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर घेरा। जिस वक्त ये वारदात हुई उस समय प्रदेश की पूरी साय कैबिनेट पहले से तय कार्यक्रम के तहत आयोध्या में राम-लला के दर्शनों के गई थी।
घटना पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने दावा किया कि प्रदेश में संगठित अपराध के खिलाफ कडा एक्शन होगा। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने तंज कसा कि अपराध और अपराधियो पर सरकार का कोई नियत्रंण नहीं। सरकार आयोध्या दर्शन करने गई है और यहां अपराधी खुलेआम वारदातें कर रहे हैं। विपक्ष इस मुद्दे पर 24 जुलाई को विधानसभा घेराव करेगा। साफ है कि घटना बड़ी है, मामला गैंग, उसकी धमकी और प्रोफेशनल शूटर्स से जुड़ा है। यानि बेहद गंभीर है। पुलिस इंवेस्टिगेशन जारी है, आरोपी अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। पुलिस का, सरकार का दावा है कि प्रदेश में किसी भी गैंग को फलने-फूलने नहीं दिया जाएगा, पर सवाल है क्या ये प्रदेश में किसी गैंग के दस्तक है, कैसे रोका जाएगा इसे ?