Publish Date - January 16, 2025 / 02:33 PM IST,
Updated On - January 16, 2025 / 02:36 PM IST
रायपुर: PR Khute Resign from Congress छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। निर्वाचन आयोग की ओर से मतदाता सूची की अंतिम तारीख 18 जनवरी तय कर दी गई है। हालांकि पंचायत और निर्वाचन चुनाव को लेकर सियासत भी चरम पर है। लेकिन इस बीच सियासी गलियारे से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। खबर है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद पीआर खूंटे ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
PR Khute Resign from Congress मिली जानकारी के अनुसार पूर्व सांसद पीआर खूंटे ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि पूर्व सांसद ने अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को भेज दिया है। बताया जा रहा है कि पीआर खूंटे लंबे समय से नाराज चल रहे थे जिसके बाद उन्होंने ये फैसला लिया है। बता दें कि साल 2022 में पीआर खूंटे ने राज्यसभा के लिए दावेदारी की थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें मौका नहीं दिया था।
पीआर खूंटे की गिनती कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होती है। पीआर खूंटे 13वीं लोकसभा के सदस्य थे, उन्होंने 1999 लोकसभा चुनाव में अविभाजित मध्यप्रदेश के सारंगगढ़ सीट से चुनाव जीता था। पीआर खूंटे ने इस चुनाव में भाजपा के पारसराम भारद्वाज को भारी मतों से हराया था।
पीआर खूंटे कांग्रेस के दिग्गज नेता और 13वीं लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने 1999 में सारंगढ़ सीट से भाजपा के पारसराम भारद्वाज को हराकर लोकसभा चुनाव जीता था।
पीआर खूंटे ने कांग्रेस पार्टी से क्यों इस्तीफा दिया?
बताया जा रहा है कि पीआर खूंटे लंबे समय से नाराज चल रहे थे। 2022 में राज्यसभा के लिए उनकी दावेदारी को पार्टी ने नजरअंदाज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने यह फैसला लिया।
पीआर खूंटे का इस्तीफा किसे सौंपा गया है?
पीआर खूंटे ने अपना इस्तीफा कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को सौंपा है।
क्या पीआर खूंटे किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होने जा रहे हैं?
फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। उनके अगले कदम को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं जारी हैं।
छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव से पीआर खूंटे के इस्तीफे का क्या असर होगा?
पीआर खूंटे के इस्तीफे से कांग्रेस पार्टी को नुकसान हो सकता है, खासकर सारंगढ़ और उससे जुड़े क्षेत्रों में, जहां उनकी मजबूत पकड़ रही है। यह इस्तीफा चुनावी माहौल को भी प्रभावित कर सकता है।