Law & Order in CG: रायपुर। अगस्त महीने की शुरूआत से ही कांग्रेस पार्टी ने तय रणनीति के तहत, अपनी यूथ विंग, महिला इकाई समेत सभी प्रकोष्ठों के जरिए, प्रदेश सरकार को सड़क पर घेरने लगातार विरोध प्रदर्शन किए। लेकिन, 17 अगस्त को भिलाई से कांग्रेसी विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी के बाद से विपक्ष के वार में अपने नेता पार ज्यादती का एंगल हावी हुआ, जिसपर बीजेपी ने उसे चंद नेताओं के हित के लिए काम करने वाली पार्टी कहकर कटाक्ष किया।
शुक्रवार एक बार फिर पूर्व सीएम की अगुवाई में सभी कांग्रेसी दिग्गजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रदेश सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस नेताओं ने कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए बीजेपी सरकार की नाकाम बताया। विपभ के सभी आरोपों को खारिज करते हुए पटलवार किया सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने पक्ष-विपक्ष की जुबानी सियासी जंग में किसका पलड़ा भारी है, किसके दावे ज्यादा मजबूत हैं, जानने के लिए देखें ये रिपोर्ट…
प्रदेश में 5 साल तक कांग्रेस सरकार के मुखिया रहे पूर्व सीएम भूपेश बघेल सहित दिग्गज कांग्रेसी नेताओं ने शुक्रवार को राजीव भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दुर्ग SP, से लेकर मौजूदा बीजेपी सरकार तक, लोकल प्रशासन से लेकर देश CBI तक पर तीखे प्रहार किए। भूपेश बघेल ने कहा- कि छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है, महिलाएं-बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं, हमारे काफिले को रोककर गुंडागर्दी की गई। SP-थानेदार तक गुंडों से डरते हैं।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि, एक्शन के नाम पर आदिवासियों की गिरफ्तारी हो रही है। भूपेश बघेल ने दुर्ग SP की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व PCC अध्यक्ष धनेंद्र साहू और पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे ने भी प्रदेश में चरमराई कानून-व्यवस्था के बहाने सरकार को जमकर कोसा। पूर्व CM भूपेश के वार पर बीजेपी ने भी पलटवार में देर ना की। रायपुर सांसद, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बघेल के कार्यकाल में हुई बड़ी वारदातों की याद दिलाते हुए, कांग्रेस को आईना दिखाने का प्रयास किया।
कुल मिलाकर कांग्रेस लगातार मौजूदा सरकार को कानून-व्यवस्था, आदिवासी सुरक्षा, और प्रशासन पर नियंत्रण जैसे मुद्दों पर घेरना चाहती है। बीजेपी का खुला आरोप है कि कांग्रेस दुष्प्रचार के जरिए केवल और केवल जांच में फंसे अपने नेताओं को बचाने आडंबर रच रही है, उसे जनता की कोई फिक्र नहीं, वो केवल सलेक्टिव मुद्दों पर विरोध का झंडा उठाती है। सबसे बड़ा सवाल ये कि दोनों पक्षों के आरोपों में किसके मुद्दे जनता के हित से जुड़े हैं, किसकी सरकार वाकई बेहतर लॉ-एंड-आर्डर स्थापित कर पाई है ?