Congress Adhiveshan 2023 in Raipur: महाधिवेशन में शिरकत करने दिल्ली से आएँ कांग्रेस के दिग्गज नेताओ का आयोजन स्थल पर भव्य स्वागत किया गया। इस स्वागत-सत्कार की अगुवाई खुद प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने की। उन्होंने सभी बड़े नेताओ का हाथ जोड़कर अभिवादन किया और फिर उन्हें माला भी पहनाया। यह माला आम नहीं बल्कि बेहद खास थी। सुनहरे रंग में नजर आ रहे इस माला को पहनकर कांग्रेस के नेता भी गदगद भी नजर आएँ लेकिन भाजपा और दुसरे विपक्षी दलों के बीच इस मामला को लेकर ग़लतफ़हमी फ़ैल गई. भाजपा के कई नेताओ ने सोशल मीडिया पर इसे सोने की माला बता डाला। इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी पोस्ट की बाढ़ आ गई. विपक्ष ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए इसे लूट-खसोट तक बता डाला। लेकिन शाम ढलने तक इस सोने के माला की हकीकत भी सामने आ गई बावजूद तब तक भाजपा-कांग्रेस के बीच जुबानी जंग शुरू हो चुका था और जो सच्चाई के सामने आने के बाद भी जारी रहा।
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Congress Adhiveshan 2023 in Raipur: जानकारी के मुताबिक यह माला सुनहरा जरूर नजर आ रह था लेकिन यह सोने से निर्मित नहीं था। आईबीसी 24 ने इस माले की सच्चाई की पड़ताल की तो मालूम हुआ की यह तो छत्तीसगढ़िया आर्ट का शानदार नमूना हैं। इसे सोने से नहीं बल्कि बांस से बनाया गया हैं।
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पड़ताल में मालूम हुआ की इस माले को किसी और ने नहीं बल्कि कवर्धा के अमनिया गाँव के छत्तीसगढ़िया कलाकार ईतवारी बैगा ने कई दिनों के मेहनत के बाद तैयार किया था। नेताओ को माला पहनाने के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन नेताओ को भी यह बात बताई तो वे भी चौंक गए. कलाकार इतवारी बैगा के मुताबिक़ यह माला दुर्लभ पेड़ खीरसाली के रेशे से बनाया गया था। ईतवारी ने वीडियो में खुद यह दावा किया हैं।
भाजपा की दिक्कत ही यही है कि वह न छत्तीसगढ़ को समझती है और न उसकी परंपराओं को।
और मुहावरा है कि 'सावन के अंधे को हरा ही हरा दिखता है' ठीक वैसे ही 'अडानी के मित्रों को सोना ही सोना दिखता है' https://t.co/jZ3DvbWPSD
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) February 26, 2023