रायपुर : चुनाव में जीत चाहिए तो हर एक वर्ग का साथ मायने रखता है। खासकर हर वर्ग के युवा वोटर्स का, फर्स्ट टाइम वोट करने वाले युवा किसी भी पार्टी का सियासी भविष्य तय करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। (chhattisgarh me Yuva kis party ko denge vote) ऐसे में जब विधानसभा चुनाव में महज 3 महीने का वक्त बचा है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का युवाओं से संवाद कांग्रेस को बढत दिला सकता है। जिस सहजता और आत्मीयता से भूपेश कका युवाओँ से मिल रहे हैं , क्या वो भाजपा के लिए कठिनाई बढ़ा रहा है, विपक्ष के पास इसका क्या तोड़ है।
एक ओर हजारों युवा मतदाता और दूसरी ओर खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल। दोनों के बीच संवाद का सिलसिला। ये तस्वीर सूबे में नए सियासी समीकरण के आगाज की है। चुनावी साल सरकार और कांग्रेस का पूरा फोकस युवाओं पर है। चाहे हजारों की संख्या में खाली पदों पर बंपर भर्ती निकालना हो। बेरोजगारी भत्ता देना हो.. प्रदेश के फर्स्ट टाइम वोटर के लिए अभियान चलाना हो। या फिर युवा संवाद के जरिये उनकी मन की बात सुनना हो। मुख्यमंत्री समेत पूरी कांग्रेस युवाओं की सबसे बड़ी हितैषी बनने की भरपूर कोशिश कर रही है।
प्रदेश सरकार का दावा है कि उसने युवाओं के लिए सबसे ज्यादा योजनाएं बनाईं और लगातार उनके लिए काम कर रही है। वहीं भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस की सरकार ने युवाओं से छल कपट के अलावा कुछ नहीं किया। (chhattisgarh me Yuva kis party ko denge vote) पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का दावा है कि युवा संवाद जैसे कार्यक्रम से कुछ नहीं होगा, प्रदेश के युवा सरकार से नाराज हैं।
छत्तीसगढ़ में कुल एक करोड़ 94 लाख मतदाता हैं। जिनमें करीब 46 लाख यूथ वोटर हैं और इनमें से पहली बार वोट करने वाले वोटरों की संख्या 5 लाख से ज्यादा है। जाहिर है कांग्रेस और भाजपा के बीच युवाओं को अपना बनाने और उनके अपने बनने की होड़ शुरू हो गई है।