रायपुर: Chhattisgarh ka Mausam Ki Jankari उत्तर भारत से आने वाली बर्फीली हवाओं के चलते देश के कई राज्यों में इन दिनों कड़ाके की ठंड का दौर लगातार जारी है। कड़ाके की ठंड को देखते हुए लोग घरों में दुबक कर रह गए हैं और अलाव का सहारा ले रहे हैं। ऐसा ही कुछ हाल मध्य भारत के छत्तीसगढ़ में है, जहां कुछ स्थानों पर तापमान 2 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। बताया जा रहा है कि कुछ स्थानों पर बर्फ की चादर भी देखी गई है।
Chhattisgarh ka Mausam Ki Jankari मिली जानकारी के अनुसार कल यानि 14 दिसंबर को छत्तीसगढ़ में इस सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा, लेकिन मौसम विभाग की मानें तो आगामी दिनों में तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएगी। बात करें छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट की तो यहां 2 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है। यहां ओस की बूंदे जमकर बर्फ की चादर में तब्दील हो गई है। वहीं, सरगुजा में 4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है।
जबकि पेंड्रा में न्यूनतम तापमान 6 डिग्री दर्ज किया गया है। जबकि मैदानी इलाके भिलाई-दुर्ग में भी कड़ाके की ठंड महसूस की गई है। मौसम विभाग की मानें तो आगामी तीन दिन के भीतर और कड़ाके की ठंड पड़ सकती है।
दूसरी ओर मौसम विभाग के अनुसार, 15 दिसंबर तक दिन और रात के तापमान में गिरावट की संभावना है, जिससे प्रदेशवासियों को ठंड से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। शनिवार को पेंड्रा, कोरिया, दुर्ग, खैरागढ़, बलरामपुर, मुंगेली, सूरजपुर, मनेंद्रगढ़ जैसे इलाकों में शीतलहर चलने की संभावना है। इसके अलावा, प्रदेशभर में अगले तीन दिनों तक कड़ाके की ठंड पड़ने का अनुमान है। मौसम शुष्क रहने के कारण उत्तर भारत से आ रही ठंडी हवाओं के प्रभाव से प्रदेश का तापमान और गिरने की संभावना है।
छत्तीसगढ़ में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है। कुछ स्थानों का तापमान 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच चुका है, और ओस की बूंदे बर्फ में बदल रही हैं।
मैनपाट, जिसे छत्तीसगढ़ का शिमला कहा जाता है, में 14 दिसंबर को 2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। यहां ओस की बूंदे जमकर बर्फ की चादर में बदल गईं।
मौसम विभाग के अनुसार, आगामी तीन दिन तक छत्तीसगढ़ में कड़ाके की ठंड पड़ने का अनुमान है। तापमान और गिरने की संभावना है, और शीतलहर चलने की भी संभावना है।
पेंड्रा, कोरिया, दुर्ग, खैरागढ़, बलरामपुर, मुंगेली, सूरजपुर, मनेंद्रगढ़ जैसे इलाकों में शनिवार को शीतलहर चलने की संभावना है।
ठंड से बचने के लिए लोग घरों में रहकर अलाव का सहारा ले रहे हैं, गर्म कपड़े पहन रहे हैं और शीतलहर से बचने के लिए सतर्क हैं।