रायपुर। Chhattisgarh gets five national awards छत्तीसगढ़ को केंद्र सरकार से मिलने वाले पांच राष्ट्रीय पुरस्कारों काे लेकर सियासत तेज है। यूं तो पुरस्कार सूडा और चार निकायों को मिल रहा है, लेकिन इसे लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने सामने हो गए हैं। आखिर छत्तीसगढ़ को मिल रहे राष्ट्रीय पुरस्कारों पर क्यों तेज है श्रेय लेने की राजनीति..देखिए इस रिपोर्ट में….
छत्तीसगढ़ को एक बार फिर पांच राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव समेत विभागीय अफसर इसे प्राप्त किए। सूडा और बिलासपुर, रायगढ़, चांपा और भाटापारा का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया है। यह पुरस्कार राज्य में शहरी गरीब परिवारों को सशक्त बनाने और उनकी आजीविका के अवसरों को बढ़ाने के लिए प्रदान किए जा रहे हैं।
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वास्तव में इन पुरस्कारों का मिलना निकायों के लिए उत्साहजनक है लेकिन पुरस्कारों के ऐलान के साथ ही प्रदेश में श्रेय की राजनीति भी शुरु हो गई है। भाजपा जहां प्रदेश के चार निकायों और सूडा को मिलने जा रहे राष्ट्रीय पुरस्कारों को प्रदेश के लिए उपलब्धि बता रही है। इसके लिए सरकार के जिम्मेदार लोगों को श्रेय दिया जा रहा है।
वहीं कांग्रेस का दावा है कि पुरस्कार तो दरअसल कांग्रेस सरकार के दौरान किए गए कामों की वजह से मिल रहा है। बीते 6 माह में भाजपा की सरकार ने तो ऐसा कोई काम ही नहीं किया है जिसकी वजह से पुरस्कार मिले। पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया कहते हैं भाजपा की सरकार कांग्रेस के समय हुए कामों का पुरस्कार ले रही है। वहीं उनके बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री राजेश मूणत कहते हैं कि कांग्रेस के समय तो घोटाले हुए थे, उन्हें इसी का पुरस्कार लेना चाहिए।
छत्तीसगढ़ को मिल रहे राष्ट्रीय पुरस्कारों को लेकर भले ही श्रेय लेने की राजनीति देखने को मिले, लेकिन खुशी की बात ये है कि राष्ट्रीय पुरस्कारों में छत्तीसगढ़ अपनी जगह बनाए हुए है। ऐसे में उम्मीद यही की जा सकती है कि और भी निकाय बेहतर कामकाज कर राष्ट्रीय पुरस्कारों की सूची में अपना स्थान बनाएं और प्रदेश को गौरवान्वित होने का अवसर दें।