Chhattisgarh created history, in this case number one in the whole country.

छत्तीसगढ़ ने रचा इतिहास, इस मामले में पूरे देश में नंबर वन…

छत्तीसगढ़ ने रचा इतिहास, इस मामले में पूरे देश में नंबर वन : Chhattisgarh created history, in this case number one in the whole country.

Edited By :   Modified Date:  February 25, 2023 / 08:10 PM IST, Published Date : February 25, 2023/8:10 pm IST

लघु वनोपजों के संग्रहण में देश में अव्वल राज्य छत्तीसगढ़

वनवासियों के हित में अहम् साबित हो रहा राज्य सरकार का फैसला

74 प्रतिशत से अधिक लघु वनोपज क्रय कर देश में लगातार प्रथम स्थान पर

रायपुर । Chhattisgarh created history मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप प्रदेश के वनवासियों के हित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में वर्तमान में समर्थन मूल्य पर 65 लघु वनोपजों की खरीदी की जा रही है। राज्य सरकार का यह फैसला वनाचंल के वनवासियों तथा आदिवासियों के हित में अहम् साबित हो रहा है। लघु वनोपजों की संख्या में वृद्धि होने से उनकी आय में भी बढ़ोतरी हुई है। इस तारतम्य में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में देश का 74 प्रतिशत लघु वनोपज संग्रहित होता है, जो देश में अव्वल है। सरकार ने संग्राहकों के हित में लघु वनोपजों की संख्या में 9 गुना वृद्धि करते हुए 7 से बढ़ाकर 65 लघु वनोपजों की खरीदी करने का निर्णय लिया।

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Chhattisgarh created history यही कारण है कि इन चार सालों में संग्राहकों की संख्या में भी 4 गुना से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है, वर्ष 2018-19 में संग्राहकों की संख्या 1.5 लाख थी जो आज बढ़कर 6 लाख हो गई है।इस दौरान लघु वनोपज संग्रहण पारिश्रमिक वर्ष 2019-20 में 23 करोड़ 50 लाख रूपए की राशि का भुगतान संग्रहकों को किया गया। इसी तरह वर्ष 2020-21 में 158 करोड़ 65 लाख रूपए़, वर्ष 2021-22 में 116 करोड़ 79 लाख रूपए और वर्ष 2022-23 में (जनवरी 2023 की स्थिति में) 57 करोड़ 50 लाख रूपए की राशि का भुगतान संग्राहकों को किया जा चुका है। इस प्रकार छत्तीसगढ़ में चार वर्षों में 356 करोड़ 44 लाख रूपए मूल्य का लघु वनोपज क्रय किया गया।

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Chhattisgarh created history गौरतलब है कि राज्य में वर्तमान में समर्थन मूल्य के अंतर्गत खरीदी की जा रही लघु वनोपजों में संग्रहण दर मालकांगनी बीज (सूखा) 100 रूपए, बायबडिंग 94 रूपए, कालमेघ/भूईनीम (सूखा) ग्रेड-1-35 रूपए, कालमेघ/भूईनीम (सूखा) ग्रेड-2-31.50 रूपए, आंवला (बीज रहित) सूखा 57 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है। इसी तरह रंगीनी लाख/छिली लाख (सूखा) 220 रूपए, रीठा फल (सूखा) 14 रूपए, वन जीरा बीज 63 रूपए, सतावर जड़ (सूखा) 107 रूपए, चरौटा बीज ग्रेड-1-16 रूपए, चरौटा बीज ग्रेड-2-14.50 रूपए, शहद 225 रूपए तथा नागरमोथा (सूखा) 30 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है। माहुल पत्ता 15 रूपए, हर्रा साबूत (सूखा) ग्रेड-1-15 रूपए, हर्रा साबूत (सूखा) ग्रेड-2-13.50 रूपए, हर्रा कचरिया 25 रूपए, बहेड़ा साबूत (सूखा) ग्रेड-1-17 रूपए, बहेड़ा साबूत (सूखा) ग्रेड-2-15.30 रूपए, बहेड़ा कचरिया 20 रूपए तथा गिलोय (सूखा) ग्रेड-1-40 रूपए, गिलोय (सूखा) ग्रेड-2-36 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है।

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