Chhattisgarh bEd Teachers Protest Latest News: रायपुर: बस्तर और सरगुजा जैसे कठिन और संवेदनशील इलाकों में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में जुटे शिक्षक आज रायपुर की सड़कों पर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। ये शिक्षक सरकार से अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं। सवाल यह उठता है कि क्या सरकार इन 2897 शिक्षकों की मांग को सुनेगी, या फिर यह आंदोलन सत्ता के गलियारों में दबकर रह जाएगा? क्या यह सही है कि उन्होंने सरकार की शर्तों के तहत बीएड किया, पात्रता परीक्षा पास की, और अब उन्हें अयोग्य ठहराया जा रहा है?
छत्तीसगढ़ में 2897 बीएड सहायक शिक्षकों की नौकरी पर संकट मंडरा रहा है। उच्च न्यायालय के एक आदेश ने इन शिक्षकों की योग्यता को अमान्य कर दिया है। अदालत ने 10 दिसंबर को डीएड धारकों को सहायक शिक्षक पद के लिए उपयुक्त मानते हुए बीएड धारकों की नियुक्ति को रद्द करने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद बस्तर और सरगुजा जैसे क्षेत्र से आए इन 2897 शिक्षकों ने रायपुर के माना तूंता धरना स्थल पर अपनी नौकरी बचाने के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू किया है।
Chhattisgarh bEd Teachers Protest Latest News: शुक्रवार को इन शिक्षकों ने सामूहिक मुंडन करके अपना विरोध प्रकट किया। पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी अपने बाल कटवाकर यह संदेश दिया कि यह कदम केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि उनके भविष्य की सुरक्षा की लड़ाई का एक हिस्सा है।
इस मामले में कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बीएड धारकों का समायोजन किया जा सकता है, और डीएड धारकों को अन्य पदों पर नियुक्ति दी जा सकती है।
Chhattisgarh bEd Teachers Protest Latest News: यह सवाल सिर्फ 2897 शिक्षकों का नहीं है, बल्कि यह शिक्षा की गुणवत्ता और स्थिरता से जुड़ा हुआ सवाल है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस आंदोलन को किस तरह से सुलझाती है।
छग बीएड सहायक शिक्षकों का आंदोलन उच्च न्यायालय के आदेश के बाद हो रहा है, जिसमें 10 दिसंबर को बीएड धारकों की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया था। अदालत ने डीएड धारकों को सहायक शिक्षक पद के लिए उपयुक्त माना और बीएड धारकों की योग्यता को अमान्य कर दिया था।
इन शिक्षकों ने रायपुर के माना तूंता धरना स्थल पर अपनी नौकरी बचाने के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। शुक्रवार को इन शिक्षकों ने सामूहिक मुंडन करके अपने विरोध का प्रतीकात्मक रूप से प्रदर्शन किया। पुरुष और महिलाएं दोनों ने बाल कटवाकर यह संदेश दिया कि यह आंदोलन उनके भविष्य की सुरक्षा के लिए है।
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बीएड धारकों का समायोजन किया जा सकता है, और डीएड धारकों को अन्य पदों पर नियुक्ति दी जा सकती है। हालांकि, यह देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है।
इस आंदोलन का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार इन शिक्षकों की मांग को स्वीकार करती है या नहीं। फिलहाल, ये शिक्षक रायपुर में धरने पर हैं और अपनी नौकरी बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
नहीं, यह आंदोलन पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के 2897 बीएड सहायक शिक्षकों का है, लेकिन मुख्य रूप से बस्तर और सरगुजा जैसे कठिन और संवेदनशील इलाकों से आए शिक्षक इसमें शामिल हैं।