CGPSC Scam: रायपुर। द चार्जशीट में आज बात एक ऐसे घोटाले की…जिसने छत्तीसगढ़ के सैकड़ों छात्रों के भविष्य पर डाका डाल दिया…। डाका हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जिन पदों पर इनकी नियुक्तियां होनी चाहिए थी…उन पदों को अफसरों और नेताओं ने छात्रों से छीनकर अपनी औलादों और करीबी रिश्तेदारों को सौंप दिया…।
जी हां…हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ पीएससी परीक्षा में हुए घोटाले की जिसके उजागर होने के बाद लोगों ने अपनी दांतों तले उंगलियां दबा लीं…। ये घोटाला है ही इतना संगीन जिसने भर्रेशाही और भाई-भतीजावाद के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए..। क्या था ये घोटाला…ये जानने के लिए पहले देखिए ये रिपोर्ट….।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग….और इसके अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी…। उस आयोग के अध्यक्ष जिस पर छत्तीसगढ़ प्रशासनिक सेवा के अफसरों को चुनने की जिम्मेदारी है…। अपनी इस जिम्मेदारी को निभाते हुए छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने वर्ष 2021 में पीएससी परीक्षा ली…जिसके नतीजे 11 मई 2023 को घोषित हुए…। लेकिन ये सूची जारी होते ही विवादों और सवालों में घिर गई…। विवाद का कारण जानने के लिए इस चयन सूची में दर्ज कुछ नामों और उनके पदों पर गौर फरमाना होगा…।
नितेश
चयन- डिप्टी कलेक्टर
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निशा कोशले
चयन- डिप्टी कलेक्टर
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साहिल
चयनित पद- DSP
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दीपा अजगहे आडिल
चयनित पद- जिला आबकारी अधिकारी
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सुनीति जोशी
चयनित पद- लेबर ऑफिसर
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आप सोच रहे होंगे कि इन नामों में आखिर ऐसा क्या खास है…जिसकी वजह से हम इनकी चर्चा कर रहे हैं..। हर साल ही पीएससी चयन सूची में सैकड़ों नाम शामिल रहते हैं…जिन्हें कोई ना कोई पद मिलता है…। लेकिन यहां पर दरअसल एक ट्विस्ट है…। अब हम जो आपको बताने जा रहे हैं उसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे…क्योंकि ऊपर बताए गए सभी नामों का किसी के साथ एक खास रिश्ता है…। इन सब नामों का करीबी रिश्ता किसी और से नहीं बल्कि पीएससी के अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के साथ जुड़ा है…।
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तो चलिए आपको पीएससी के चयनित इन उम्मीदवारों का वंशवृक्ष दिखाते हैं…जिसका दावा छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री और सीनियर भाजपा नेता ननकी राम कंवर ने हलफनामा के साथ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में किया है..। उसी जनहित याचिका के मुताबिक चयन सूची में डिप्टी कलेक्टर पद के लिए जिस नितेश का चयन हुआ है..उसका सरनेम लिस्ट में जानबूझकर मेंशन नहीं किया गया है…। नितेश का सरनेम सोनवानी है…और ये पीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के दत्तक पुत्र बताए जाते हैं…। अब जरा दूसरे नाम पर गौर फरमाइए…। डिप्टी कलेक्टर पद के ही पद पर चयनित निशा कोशले…दरअसल नितेश की पत्नी हैं…यानी टामन सिंह सोनवानी की बहू हैं..।
इस तरह पीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के बेटा और बहू दोनों का सलेक्शन डिप्टी कलेक्टर पद के लिए हो चुका है…। आप ये कह सकते हैं…बहू और बेटे दोनों का सलेक्शन हो जाना कोई हैरानी की बात भला कैसे हो सकती है..। जी हां…इसमें कोई हैरान होने वाली बात नहीं है…लेकिन अगर आप कुछ और नामों पर गौर फरमाएंगे तो आपको इस संयोग में कुछ संदेहास्पद जरूर नजर आएगा…।
चयन सूची में डीएसपी पद के लिए चयनित साहिल नाम भी बिना सरनेम के दर्ज है..। इनका भी सरनेम सोनवानी है…और ये पीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के बड़े भाई के बेटे यानी टामन सिंह सोनवानी के भतीजे हैं…। यही नहीं बल्कि बड़े भाई की बहू दीपा अजगहे आडिल का भी सलेक्शन जिला आबकारी अधिकारी पद के लिए हुआ है..। इसके अलावा पीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी की भांजी यानी बहन की बेटी सुनीता जोशी भी लेबर ऑफिसर के तौर पर सिलेक्ट हो चुकी हैं…। यही नहीं बल्कि टामन सिंह सोनवानी के करीबी की बेटी मीनाक्षी गनवीर भी डिप्टी कलेक्टर के लिए सिलेक्ट हुई है….।
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संयोग का सिलसिला केवल आयोग के अध्यक्ष तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि आयोग के पूर्व सचिव अमृत खलको के बेटे और बेटी ने भी कारनामा कर दिखाया…। अमृत खलको के बेटे निखिल खलखो और बेटी नेहा खलखो दोनों डिप्टी कलेक्टर के लिए सिलेक्ट हुए हैं ..। यही नहीं बल्कि आयोग के वर्तमान सचिव जे के ध्रुव के बेटे सुमित ध्रुव भी डिप्टी कलेक्टर पद के लिए चुने गए हैं…।
अब आप इस सिलेक्शन के पीछे आयोग के सचिवों की औलादों की प्रतिभा तलाशिए या फिर कोई हेराफेरी…आपकी मर्जी ….लेकिन ये संयोग वाकई बड़ा अद्भुत है…।
छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग के पदाधिकारियों के अलावा कांग्रेस के कई नेताओं की औलादों ने भी सिलेक्शन सूची में अपना नाम दर्ज करके चौंका दिया..। डिप्टी कलेक्टर के पद पर सिलेक्ट हुए प्रज्ञा नायक और प्रखर नायक ऐसे ही दो नाम हैं..। ये दोनों कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार के बेटे और बेटी हैं…। इसके अलावा कांग्रेस नेता की बेटी अनन्या अग्रवाल भी डिप्टी कलेक्टर के लिए सिलेक्ट हुई हैं..। वहीं कांग्रेस नेता के ओएसडी के साढू भाई की बेटी खुशबू बिजौरा और कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला की बेटी स्वर्णि शुक्ला के अलावा कांग्रेस नेता के बेटे राजेंद्र कौशिक भी डिप्टी कलेक्टर बनने में सफल रहे..। कांग्रेस नेताओं के अलावा कुछ रसूखदार अफसरों के रिश्तेदार भी डिप्टी कलेक्टर बने हैं..जिनमें DIG की बेटी साक्षी ध्रुव भी शामिल हैं..।
आयोग के पदाधिकारियों और कांग्रेस नेताओं की औलादों का किसी प्रतियोगी परीक्षा में सफल होना कोई हैरानी की बात नहीं है…ये भी मुमकिन है कि वो प्रतिभाशाली हों….लेकिन जब आयोग के अध्यक्ष के परिवार के 6 और सचिव के परिवार के 3 करीबी सदस्यों का सर्वोच्च पद पर सिलेक्शन हो जाए तो बाकी प्रतिभागियों के अंदर संदेह का जन्म लेना स्वाभाविक है..। यही वजह है कि इस सिलेक्नशन पर सवाल उठाते हुए बाकी अभ्यर्थियों ने आवाज बुलंद की और ये मामला सियासत के गलियारे के होता हुआ अब जांच के लिए सीबीआई पहुंच चुका है…।