Reported By: Rajesh Raj
,रायपुर: CG Waqf Board will File FIR on 25 Mutawalli केंद्र की मोदी सरकार वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन की तैयारी कर रही है, जिसके बाद से हड़कंप मचा हुआ है। कई मुस्लिम नेताओं ने मोदी सरकार की इस पहल का विरोध किया है। लेकिन दूसरी ओर छत्तीसगढ़ से संपत्ति पर कब्जा कर वक्फ बोर्ड का पैसा गबन करने का मामला सामने आया है। वहीं, मामला सामने आने के बाद वक्फ बोर्ड के नए अध्यक्ष ने पैसा गबन करने वाले मुतवल्लियों के खिलाफ केस दर्ज करवाने का ऐलान कर दिया है। बताया जा रहा है कि वक्फ बोर्ड ने 70 डिफॉल्टर मुतवल्लियों की सूची बनाई है, जिसमें से 25 के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
CG Waqf Board will File FIR on 25 Mutawalli मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में मस्जिदों के मुतवल्वियों ने वक्फ बोर्ड के हिस्से की करोड़ों की राशि गबन कर दी। नियमत: हर शुक्रवार मस्जिदों में जो चंदे की रकम जमा की जाती है, उसका 7 फीसदी हिस्सा निगारी चंदा के रुप में वक्फ बोर्ड को देना होता है। लेकिन प्रदेश की मस्जिदों के कई मुतवल्लियों ने सालों साल से ये हिस्सा वक्फ बोर्ड को नहीं दिया है। आपको जानकर और भी हैरानी होगी कि कुछ कुछ मुतवल्ली तो 1993-94 से ये हिसाब नहीं दे रहे हैं। ऐसे करीब 70 डिफॉल्टर मुतवल्वियों की लिस्ट वक्फ बोर्ड के पास तैयार है। वहीं, इसमें से 25 बड़े डिफॉल्टर मुतव्वलियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी पूरी कर ली गई है।
वक्फ बोर्ड के नए अध्यक्ष डॉ. सलीम राज के मुताबिक, गबन की ये राशि करोड़ों की है, जो समाज के गरीब, कमजोर तबकों के उत्थान के लिए खर्च होते, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने गंभीर आरोप लगाया है कि कांग्रेस से जुड़े मुतव्वलियों ने राजनीतिक संरक्षण में इन गबन को अंजाम दिया है। उन्होंने बताया कि हम कलेक्टर के जरिए 25 मुतव्वली पर एफआईआर करा रहे हैं। डॉ. सलीम राज की मानें तो मुतव्वली 700 रुपए में दुकान लेकर 9 हजार किराया वसूल रहे हैं, कांग्रेसी नेताओं ने लूटी, लोगों को भजपा के नाम पर डराया, और अपनी जेब भरा।
बताया जा रहा है कि डिफॉल्टर मुतवल्लियों की लिस्ट में राजधानी रायपुर के भी कई नाम हैं। इसमें जामा मस्जित हलवाई लाईन, जामा मस्जिद सिमगा, सुन्नी मस्जिद नयापारा, जामा मस्जिद बैरन बाजार जैसे नाम शामिल हैं। इसके अलावा, दुर्ग, बालोद, कवर्धा, राजनांदगांव, जगदलपुर, जांजगीर चांपा, भाटपारा, सुकमा, सरगुजा और बस्तर, केशकाल की मस्जिदों के मुतवल्ली भी डिफॉल्टर लिस्ट में शामिल हैं। इन पर मस्जिदों की निगरानी चंदा हड़पनेन का ही आरोप नहीं है, बल्कि वक्फ की संपत्तियों पर भी कब्जा करने का आरोप हैं। यानी, ये मुतवल्ली वक्फ की दुकान या मकान का किराया खुद वसूल रहे हैं, या कब्जा करके बैठे हैं।