रायपुर: प्रदेश में इसी साल के अंत में चुनावी कार्यक्रम संपन्न होंगे। इस तरह छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार को पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। लेकिन इससे पहले ही सरकार सरकार के करीब 22 निगम और मंडल के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष क कार्यकाल पूरा हो चुका हैं। (CG Nigam Mandal me Niyuktiya) ऐसे में सवाल उठत्ता हैं कि जब चुनाव सिर पर है तो क्या इन पदाधिकारियों को सेवा विस्तार दिया जाएगा? या फिर कतार में खड़े दूसरे चेहरों को मौक़ा मिलेगा?
सूत्रों की माने तो भूपेश सरकार पदाधिकारियों को विस्तार दे सकती हैं इसकी संभावना ज्यादा हैं। दरअसल संगठन और सरकार दोनों ही चुनावी मोड पर आ चुके हैं। बजट सत्र का भी अवसान हो चुका है और पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज को संगठन के साथ चुनावी अभियान की कमान भी सौंप दी गई हैं। ऐसे में कांग्रेस का पूरा फोकस फ़िलहाल चुनाव पर हैं। वे संगठन से जुड़ी नियुक्तियों को अधिक तरजीह दे सकते हैं बजाएं निगम-मंडल के। लिहाजा इस बात की पूरी सम्भावना हैं कि पदाधिकारी चुनाव पूरा होते तक सभी या फिर ज्यादातर नेता अपने पदों पर बने रहे।
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दूसरी तरह खबर यह भी हैं कि प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा विस्तार के मूड में नहीं हैं। मिडिया की खबरों की माने तो पदाधिकारियों को बदला जा सकता हैं। ऐसा इसलिए भी कि कई निगम-मंडल के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनावी टिकट की कतार में हैं। ऐसे में उन्हें पदमुक्त करते हुए दूसरे नेताओं को पद दिए जा सकते हैं। (CG Nigam Mandal me Niyuktiya) संगठन की सोच हैं कि ऐसा करने से नेताओं की नाराजगी भी दूर की जा सकती हैं। ऐसे में अगर सरकार फिर से बनती हैं तो भी वे पद पर बने रहेंगे, अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। बहरहाल कांग्रेस इसपर क्या फैसला लेती हैं यह देखना दिलचस्प होगा।