CG Ministers Department: छत्तीसगढ़ में करीब 50 विभाग लेकिन मंत्री सिर्फ 13.. जानें CM विष्णुदेव साय कैसे करेंगे बँटवारा | CG Ministers Department allocation

CG Ministers Department: छत्तीसगढ़ में करीब 50 विभाग लेकिन मंत्री सिर्फ 13.. जानें CM विष्णुदेव साय कैसे करेंगे बँटवारा

कई बेहद महत्वपूर्ण विभाग स्वयं मुख्यमंत्री अपने पास रखते है। इनमें वित्त, सामान्य प्रशासन, ऊर्जा, नागर विमानन जैसे विभाग शामिल है।

Edited By :   Modified Date:  December 22, 2023 / 02:47 PM IST, Published Date : December 22, 2023/2:47 pm IST

रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव से आज यानी 22 दिसंबर को अपने बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया है। विधानसभा सत्र के अवसान के बाद आज राजभवन में भाजपा के 9 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली। इस दौरान राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचंदन, सीएम विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री द्वय अरुण साव व विजय शर्मा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरण देव सिंह समेत बड़ी संख्या में भाजपा के अन्य विधायक, पार्टी और संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे।

मंत्रिमंडल में नए-पुराने चेहरों को एक साथ जगह दी गई है। साथ ही इस पूरे विस्तार में जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण का भी पूरा-पूरा ध्यान रखा गया है। भाजपा ने सरगुजा की सभी 14 सीटों पर जीत दर्ज की है लिहाजा क्षेत्र को उपकृत करते हुए संभाग से 3 विधायकों को मंत्रीपद में जगह दी है। इनमे वरिष्ठ नेता रामविचार नेताम, श्याम बिहारी जायसवाल और युवा महिला विधायक लक्ष्मी राजवाड़े का नाम शामिल है।

सीएम ने मंत्रिमंडल के इस विस्तार में विधायकों की वरिष्ठता का पूरा ध्यान रखा है। यही वजह है कि बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, दयालदास बघेल और केदार कश्यप जैसे पुराने मंत्रियों को भी शामिल किया है। हालांकि जिन वरिष्ठ विधायकों को मंत्रीमंडल में मौका नहीं मिल सका है उन्हें भी बेहतर पदों से सम्मानित करने की बात कही जा रही है।

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कैसे होगा बंटवारा?

मंत्रियों के चयन और शपथ के बाद अब सीएम साय नए मंत्रियों को विभागों के बंटवारे की कवायद में जुट जायेंगे। यह एक चुनौती भरा काम है क्योंकि छत्तीसगढ़ 50 सरकारी विभाग है लेकिन मंत्री सिर्फ 13 ही है। इनमें खुद विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री, अरुण साव और विजय शर्मा दो उप मुख़्यमंत्री जबकि 9 मंत्री है। एक अन्य मंत्रीपद अभी होल्ड पर है। ऐसे में सवाल उठता है कि मंत्रियों को विभागों का बँटवारा किस तरह किया जाएगा।

दरअसल मंत्रियों को विभागों के बंटवारे के दौरान एक ही प्रकृति वाले विभागों का विशेष ख्याल रखा जाता है। मसलन गृह और जेल यह दो विभाग एक ही प्रकृति के है जिसका सम्बन्ध राज्य के पुलिसिंग से ही है। इसी तरह कृषि, मत्स्य पालन और पशुपालन। वाणिज्य एवं उद्योग। पंचायत, समाज कल्याण एवं ग्रामीण विभाग। इस तरह मंत्रियों को एक नहीं बल्कि एक साथ संबंधित विभागों का आबंटन किया जाता है। उदहारण कि अगर जिस मंत्री को गृह विभाग का जिम्मा दिया जाएगा बहुत संभव है कि उसी मंत्री के पास जेल और सहकारिता विभाग का भी दायित्व हो। इसी तरह मंत्रिपरिषद में कम सदस्य होने की वजह से कृषि, मत्स्य और पशुपालन की जिम्मेदारी अलग-अलग मंत्रियों को नहीं दी जाएगी।

विभागों के आबंटन के दौरान दूसरा सबसे महत्वपूर्ण बात यह ध्यान में रखी जाती है कि संबंधित राज्य के लोगों के लिए अधिक जुड़ाव किस विभाग से है अथवा सरकार की प्राथमिकताओं में कौन सा विभाग है। उदाहरण के तौर पर छत्तीसगढ़ का सीधा संबंध कृषि से है। सरकार के पास कृषि को लेकर विभिन्न योजनाएं है लिहाजा सरकार के लिए कृषि विभाग अधिक महत्वपूर्ण होगा न कि मत्स्य पालन अथवा पशुनपालन। हालाँकि यह सभी अलग-अलग राज्य की सरकारों में उनके विभागों के महत्ता और जरूरत पर निर्भर करता है।

इस तरह कई बेहद महत्वपूर्ण विभाग स्वयं मुख्यमंत्री अपने पास रखते है। इनमें वित्त, सामान्य प्रशासन, ऊर्जा, नागर विमानन जैसे विभाग शामिल है। पिछली सरकार में यह सभी विभाग भूपेश बघेल के पास थे जबकि डॉ रमन सिंह ने भी अपने कार्यकाल में वित्त, ऊर्जा, विमानन और सामान्य प्रशासन जैसे महत्वपूर्ण अपने पास ही रखे थे।

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छग में कितने विभाग

प्रदेश में कुल 50 विभाग है। इनमें कृषि, पशुपालन, छत्तीसगढ़ राजस्व मंडल, छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल, वाणिज्य और उद्योग, वाणिज्यिक कर, सहकारी, संस्कृति एवं पुरातत्व, संचालनालय, उद्यानिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभागम, ऊर्जा, वित्त, मत्स्य पालन, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, वन, सामान्य प्रशासन विभाग, उच्च, शिक्षा, जेल, श्रम, विधि एवं विधायी कार्य विभाग, जनशक्ति नियोजन, खनन, पंचायत एवं समाज कल्याण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य, योजना आर्थिक एवं, सांख्यिकी, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जनसंपर्क, लोक निर्माण विभाग, लोक शिकायत निवारण, पंजीयन एवं मुद्रांक, निवासी आयुक्त विभाग, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, ग्रामोद्योग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, स्कूल शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, समाज, कल्याण विभाग, क्रीड़ा विभाग, तकनीकी शिक्षा, पर्यटन, नगर तथा ग्राम, निवेश विभाग, परिवहन, नगरीय प्रशासन, जल संसाधन, महिला एवं बाल विकास, छत्तीसगढ़ रेरा एवं इनके अतिरिक्त अन्य विभाग शामिल है।

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