CG Ki Baat: रायपुर। छत्तीसगढ़ में कैसी है कानून व्यवस्था और किसने प्रदेश की पुलिसिंग को ध्वस्त किया, किसके शासनकाल में पुलिस ज्यादा बेखौफ और बेहतर कार्य कर पाई है? ये सारे वो सवाल हैं, जिनपर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच बहस छिड़ी हुई है। बीजेपी सरकार ने प्रदेश की पुलिसिंग को चुस्त-दुरूस्त करने के लिए एक नई कवायद शुरू की है। साथ ही प्रदेश के मौजूदा हाल के लिए पिछली कांग्रेस सरकार को दोषी बताया है। जवाब में कांग्रेस ने भी मौजूदा आपराधिक आंकड़ों के आधार पर सत्ता पक्ष को घेरा है। सवाल है क्या वाकई प्रदेश में पुलिसिंग में खामियां हैं, उनके लिए कौन जिम्मेदार है ?
छत्तीसगढ़ में विपक्ष सरकार पर प्रदेश में बदहाल कानून व्यवस्था के आरोप के साथ सरकार पर हमलावार है। कांग्रेस का आरोप है की बस्तर से लेकर सरगुजा तक रोज चोरी, चाकूबाजी, लूट, डकैती जैसी घटनाएं हो रही हैं। बीते 7-8 महीने में महिलाओं संबंधित अपराध काफी बढ़े हैं। जवाब में बीजेपी सरकार का दावा है कि प्रदेश में सबकुछ पहले से बेहतर हुआ है। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस के राज में कानून व्यवस्था चौपट हुई और पुलिसिंग सिस्टम धवस्त हुआ, जिसे अब साय सरकार दुरूस्त कर रही है। छत्तीसगढ़ पुलिसिंग को बेहतर बनाने स्वयं मुख्यमंत्री अलग-अलग रेंज में जाकर वहां के अधिकारियों से व्यक्तिगत चर्चा करेंगे जिसकी शुरूआत बिलासपुर रेंज से हो चुकी है।
इधर,पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज का कहना है कि, प्रदेश में कानून व्यवस्था का क्या हाल सबकी आंखों के सामने है। बदहाली का आलम ये है कि FIR दर्ज करवाने अब विधायकों- जनप्रतिनिधियों को थाने जाना पडता है। छत्तीसगढ़ में बीते कुछ दिनों से बढ़ते अपराधिक मामलों पर विपक्ष मुखर होकर प्रदर्शन कर सरकार को घेर रहा है। जवाब में सत्तापक्ष ने पहले पिछली सरकार के वक्त के आंकड़े सामने रखकर पलटवार किया तो अब बीजेपी का सीधा आरोप है कि, प्रदेश पुलिसिंग की मौजूदा सारी खामियां पिछळी कांग्रेस सरकार की देन है।
गृहमंत्री ने साफ कर दिया है कि प्रदेश पुलिसिंग को चुस्त बनाने के साथ-साथ मुख्यमंत्री के निर्देश पर NDPS यानि नशे के नेक्सस से जुड़े केसेज पर फोकस किया जाएगा। ब्लेम-गेम से इतर सवाल ये है चुस्त पुलिसिंग की इस कवायद से प्रदेश की जनता को बढ़ते क्राइम से राहत मिलेगी ?