CG Ki Baat: FIR पर भारी जातिवाद… ये कैसा सियासी फसाद? विवाद की ठंड़ी पड़ी आग को क्यों कुदेरना चाहतें हैं भूपेश बघेल?

CG Ki Baat: FIR पर भारी जातिवाद... ये कैसा सियासी फसाद? विवाद की ठंड़ी पड़ी आग को क्यों कुदेरना चाहतें हैं भूपेश बघेल?

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  • Publish Date - October 9, 2024 / 08:48 PM IST,
    Updated On - October 9, 2024 / 08:48 PM IST

CG Ki Baat: रायपुर। छग के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लोहारीडीह कांड की जांच और FIR पर सवाल उठा रहे हैं। उन्हें जघन्य अपराध नहीं बल्कि आरोपियों की जाति दिख रही है। उन्हें अराजक माहौल नहीं बल्कि सियासी फायदा दिख रहा है। जिस आग ने पूरे गांव की शांति छीन ली, जिस आग ने पूरे कवर्धा जिले को अशांत कर दिया, क्या उसी आग की राख से अब विवादों की चिंगारी तलाशने की कोशिश में हैं बघेल?

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आज से दो दिन पहले छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने लोहारीडीह कांड पर एक और प्रेस कांफ्रेस कर सरकार पर हमला बोला और उसी प्रेस कांफ्रेस के जरिए पूरे मामले को नया रंग दे दिया। भूपेश बघेल ने कहा कि, इस केस में आरोपी बनाए गए 167 लोगों की लिस्ट जारी की और कहा कि, इन आरोपियों में 137 लोग साहू समाज के हैं, 20 लोग यादव समाज के, 8 लोग आदिवासी समाज के, 1 मानिकपुरी और 1 पटेल समाज के हैं।

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भूपेश बघेल ने कहा कि सिर्फ एक शख्स की गवाही पर बिना किसी प्रॉपर जांच के इन तमाम लोगों पर ऐसी धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया, जिसमें फांसी की सजा तक हो सकती है। तो क्या सरकार इन 167 लोगों को फांसी पर लटकाना चाहती है। इस बयान के बाद भाजपा ने भूपेश बघेल और कांग्रेस पर तीखा पलटवार किया है। साथ ही सवाल किया है कि क्या कांग्रेस और पूर्व सीएम भूपेश बघेल आरोपियों में जाति ढूंढ रहे हैं। क्या वो चाहते हैं कि जाति के आधार पर प्रदेश में आरोपियों और अपराधियों पर कार्रवाई की जाए। इतने संवेदनशील मुद्दे पर भी कांग्रेस राजनीति कर रही है। इसी से उसकी मानसिकता का पता चलता है।

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तय प्रोसेस है कि जब कोई अपराध होगा, तो कोई ना कोई आरोपी बनेगा ही। पुलिस गवाह या जांच के आधार पर किसी को आरोपी बनाती है। ये भी तय है कि वो आरोपी किसी ना किसी समाज से होगा ही। जांच एंजेंसी जांच पूरी करती है। फिर तय सबूत के आधार पर कोर्ट तय करता है कि आरोपी, अपराधी है या नहीं। कोई अपराधी है, तो उसे क्या सजा दी जानी चाहिए ये भी कोर्ट ही तय करता है।

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