CG Ki Baat: रायपुर। कौन है अपराध का जनक और कौन है अपराधियों का संरक्षक, इसे लेकर प्रदेश में बहस पूरे वेग पर है। पहले बलौदाबाजार हिंसा केस में जेल में बंद भिलाई विधायक देवेन्द्र यादव से जेल में कांग्रेसियों की मुलाकात और अब- कोयला घोटाले के सूत्रधार बताए गए प्रमुख आरोपी सूर्यकांत तिवारी से पूर्व CM भूपेश बघेल का जेल जाकर मिलना। बीजेपी का सीधा आरोप है कि, कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को जेल जाने का डर सता रहा है, इसीलिए वो बार-बार जेल में बंद घोटाले के आरोपियों से मेल-मुलाकात कर रहे हैं।
तो वहीं, पूर्व CM का आरोप है कि केंद्र सरकार उन्हें कोयला घोटाले में फंसाना चाहती है, आरोपी पर उनका नाम लेने के लिए दबाव डाला जा रहा है। सत्तापक्ष ने कांग्रेस को सिंडेकेट का जनक कहकर तंज कसा है तो विपक्ष ने बीजेपी को भ्रष्टाचार की जननी बताकर पलटवार कर रहा है। यहां सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या पूर्व CM भूपेश बघेल समेत कांग्रेस के नेता वाकई किसी बात से डरे हुए हैं ? बीजेपी के दाल में काला है वाले आरोप में कितना दम है? कांग्रेस के उनके नेताओं को फंसाने की साजिश की दलील में कितना दम है ?
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस लगातार एक्शन में है, वो अलग-अलग मुद्दों पर सड़क पर उतरकर सरकार की प्रदर्शन कर रही है। तो दूसरी तरफ उसके कई नेता जेल में बंद है, जिसे लेकर सूबे में सियासी पारा हाई है। दरअसल, कांग्रेस के बड़े नेता बार-बार जाकर जेल में बंद अपने साथियों से मुलाकात कर रहे हैं, जिसे लेकर सत्तासीन बीजेपी कांग्रेस को घेरते हुए सवाल खड़े कर रही है। बीजेपी नेताओं का आरोप है कि कांग्रेस ने सरकार में रहते हुए भ्रष्टाचार की सीमा लांघ दी और अगर ऐसा नहीं है तो फिर, भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद नेताओं से मिलने क्यों जा रहे हैं? आखिर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को किस बात का डर सता रहा है।
कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का भ्रष्टाचार के आरोपों और जेल में बंद दागी नेताओं से मुलाकात पर बीजेपी सवाल उठा रही है। तो कांग्रेस भी जवाबी प्रहार करने में पीछे नहीं है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, मुझे कोयला घोटाले में फंसाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है तो वहीं पूर्व मंत्री डहरिया ने बीजेपी को ही भ्रष्टाचार की जननी बता दिया। यानी एक तरफ लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर कांग्रेस, सत्तारूढ़ साय सरकार की घेराबंदी करने में जुटी है। इसके लिए वो प्रदेश में पदयात्रा भी निकालने का ऐलान किया है।
तो दूसरी तरफ राज्य सरकार भी विपक्ष के इस दांव से निपटने के लिए हर मोर्चे पर तैयार है। कलेक्टर्स और एसपी कॉन्फ्रेस में सीएम साय की सख्ती हो या फिर कांग्रेस के बड़े नेताओँ का बार-बार जेल जाकर भ्रष्टाचार के आरोपियों से मिलने का मुद्दा उठाना। मंशा साफ है कि कानून व्यवस्था को लेकर साय सरकार कांग्रेस को कोई मौका नहीं देना चाहती।